आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार को संसद की एक समिति के सामने पेश हुए जहां उन्हें बैंकों के वसूली में फंसे कर्ज के ऊंचे स्तर, बैंकों में धोखाधड़ी और नकदी संकट जैसे मुद्दों पर कुछ कड़े सवालों का सामना करना पड़ा. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर कांग्रेस के वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में वित्त मामलों की संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हो रहे थे, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कई पार्टियों के नेता शामिल थे.
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सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि सांसदों ने उर्जित पटेल से पूछा कि कैसे भारतीय रिजर्व बैक कौन से चेक और बैलेंस है जिसके जरिए पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) जैसे घोटाले पर नजर रखी जा सके. पटेल ने समिति सदस्यों को आश्वासन है रिजर्व बैंक अपनी प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कदम उठा रहा है. वित्त विषयक संसद की स्थायी समिति की बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि पटेल ने विश्वास व्यक्त किया है कि फंसे कर्ज यानी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के संकट से पार पा लिया जाएगा.
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कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति के कुछ सदस्यों ने पटेल से जानना चाहा कि एटीएम मशीनों हाल में पैसा की कमी क्यों आ गयी थी. कुछ सदस्यों ने पूछा कि बैंकिंग धोखाधड़ी से निपटने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाऐ गए. पटेल ने समिति से कहा कि बैंकिंग व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. ‘हमें विश्वास है कि हम इस संकट से निकल जाएंगे.’ पटेल ने समिति को सूचित किया कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून को लागू किए जाने के बाद एनपीए के मामले में हालात सुधरे हैं.
RBI ने नहीं किया था रेपो रेट में कोई बदलाव
बैठक में सदस्यों ने विभिन्न सरकारी बैंकों की खस्ता हालत, फंसे कर्ज और पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर चिंता व्यक्त की. समिति के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने सोमवार को कहा था नोटबंदी के बाद कितना पैसा प्रणाली में वापस आया आरबीआई ने अब तक इसकी जानकारी नहीं दी है और गवर्नर को इसके बारे में समिति को सूचित करना चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि वह यह कल करेंगे. समिति की पिछली बैठक में पटेल से ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के बारे में भी सवाल किए गए थे.
VIDEO: संसदीय समिति के सामने पेश हुए RBI गवर्नर उर्जित पटेल
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सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि सांसदों ने उर्जित पटेल से पूछा कि कैसे भारतीय रिजर्व बैक कौन से चेक और बैलेंस है जिसके जरिए पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) जैसे घोटाले पर नजर रखी जा सके. पटेल ने समिति सदस्यों को आश्वासन है रिजर्व बैंक अपनी प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने के लिए कदम उठा रहा है. वित्त विषयक संसद की स्थायी समिति की बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि पटेल ने विश्वास व्यक्त किया है कि फंसे कर्ज यानी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के संकट से पार पा लिया जाएगा.
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कांग्रेसी नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति के कुछ सदस्यों ने पटेल से जानना चाहा कि एटीएम मशीनों हाल में पैसा की कमी क्यों आ गयी थी. कुछ सदस्यों ने पूछा कि बैंकिंग धोखाधड़ी से निपटने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाऐ गए. पटेल ने समिति से कहा कि बैंकिंग व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए जाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. ‘हमें विश्वास है कि हम इस संकट से निकल जाएंगे.’ पटेल ने समिति को सूचित किया कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून को लागू किए जाने के बाद एनपीए के मामले में हालात सुधरे हैं.
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बैठक में सदस्यों ने विभिन्न सरकारी बैंकों की खस्ता हालत, फंसे कर्ज और पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर चिंता व्यक्त की. समिति के सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने सोमवार को कहा था नोटबंदी के बाद कितना पैसा प्रणाली में वापस आया आरबीआई ने अब तक इसकी जानकारी नहीं दी है और गवर्नर को इसके बारे में समिति को सूचित करना चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि वह यह कल करेंगे. समिति की पिछली बैठक में पटेल से ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के बारे में भी सवाल किए गए थे.
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