
अर्थव्यवस्था की घटती रफ्तार के बीच गुरूवार को RBI गवर्नर ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी. यानि अब बैंक आरबीआई से सस्ती दर पर कर्ज़ ले पाएंगे. इससे होम लोन के साथ-साथ उद्योग जगत के लिए क्रेडिट के सस्ता होने की उम्मीद फिर बंधी है. आरबीआई के गवर्नर ने एक राहत बैंकों को दी और दूसरी आम लोगों को. रेपो रेट 6 फ़ीसदी से घटकर 5.75 फ़ीसदी कर दिया गया. इस साल ये तीसरी कटौती है. खास बात ये भी है कि अब RTGS, NEFT ट्रांज़ैक्शन पर कोई चार्ज भी नहीं लगेगा. यानी आप जब ऑनलाइन कोई पैसा किसी को भेजते हैं तो इस पर लगने वाला चार्ज अब नहीं लगेगा.
दरअसल आरबीआई गवर्नर को एहसास है कि अर्थव्यवस्था इस साल भी धीमी रहेगी. विकास दर के अनुमान को 7.2 फ़ीसदी से घटा कर 7 फ़ीसदी कर दिया गया. उद्योग जगत मानता है कि अब आरबीआई को बैंकों के साथ मिलकर इस रेट कट का फायदा आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाना होगा. पिछले दो रेट कट का फायदा बैंकों ने उपभोक्ताओं को नहीं दिया है. एसोचैम के उपाध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने एनडीटीवी से कहा कि जो राहत आरबीआई बैंकों को दे रही है, वो राहत बैंक आम लोगों को नहीं दे रहे हैं. ये चिंता की बात है. इकोनॉमिक स्लोडाउन की सबसे बड़ी वजह है मार्केट में लिक्विडिटी की कमी. जब तक लिक्विडिटी इंप्रूव नहीं होगी, इकॉनोमी की हालत ठीक नहीं होगी.
सेंसेक्स में भारी उछाल, 553.42 अंक की तेजी के साथ सर्वोच्च स्तर पर हुआ बंद
दूसरी तरफ, सरकार को उम्मीद है कि कमज़ोर पड़ती अर्थव्यवस्था को उबारने की दिशा में आरबीआई का फैसला महत्वपूर्ण है. नीति आयोग विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष टी हक ने एनडीटीवी से कहा कि आरबीआई रेट कट एक फैक्टर है जिससे इकॉनोमिक ग्रोथ सुधरेगा. इंडस्ट्रियल रिवाइवल पर आरबीआई के रेट कट का अच्छा असर होना चाहिए. रेट कट से लोन रेट कट होने की उम्मीद है. जिससे निवेशक और उपभोक्ता दोनों को फायदा होगा. हालांकि अर्थव्यवस्था के संकट और ज़्यादा उपायों की मांग करते हैं जिन पर सरकार को ध्यान देना होगा.
कैश ट्रांसफर के लिए आ गया नया अपडेट, पैसे भेजने से पहले पढ़ें ये जरूरी खबर