सालभर पहले खारी बावली के रेहड़ी पटरीवालों ने जैसे ही उन्हें देखा उनके साथ फोटो खिचवाने की होड़ मच गई। जुनून ऐसा कि लगा सममुच के नरेंद्र मोदी दिल्ली के चांदनी चौक पहुंच गए हो, लेकिन खारी बावली की इस घटना ने 60 साल के जगदीश राय भाटिया की जिंदगी को बदलकर रख दिया।
मेरी उनसे मुलाकात डीडीए वीसी के दफ्तर में हुई। यहां बैठे जगदीश राय भाटिया को जब मैंने देखा तो चौंके बिना न रह सका। मेरे साथ आई महिला के मुंह से बस ओ..माई गॉड ही निकल पाया।
लाल रंग के हाफ कट मोदी कुर्ता, खिचड़ी बाल और दाढ़ी में जगदीश राय भाटिया भी हमें देखकर मुस्कुराए, बोले आप मीडिया वाले भी धोखे में आ गए। मैंने कहा धोखा तो नहीं, लेकिन अचानक जेहन में नरेंद्र मोदी का अक्स जरूर उभर गया। यहां भी उनकी फोटो और सेल्फी लेने की होड़ मची थी।
वह कहते हैं भगवान ने एक जैसे दो चेहरे बना दिए हैं। पहले वह अपने बाल को काला करते थे..दाढ़ी बनाते थे। लेकिन एक साल से बाल में न तो रंग लगवाया न ही दाढ़ी बनवाई। मोदी के स्टाइल में रहना..लोगों का ध्यान बटोरना अब उन्हें भाने लगा है। बस मोदी जैसे वह अच्छे वक्ता नहीं है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदय के साथ ही जगदीश राय भाटिया की दूसरी जिंदगी का सफर भी शुरू हुआ। वह दिल्ली के मालवीय नगर में अपनी पत्नी और दो बच्चे के साथ रहते हैं। पेइंग गेस्ट का उनका कारोबार है।
सालभर पहले जिंदगी के दूसरे सफऱ में उन्हें नरेंद्र मोदी के हमशक्ल के नाम पर दूसरों को चौंकाने में महारत हासिल हो गई है। उनकी राजनीति या नेताओं में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन नरेंद्र मोदी को वह जरूर पसंद करते हैं।
मोदी से मिलने का उनका सपना है, बाकायदा एक अर्जी भी पीएमओ में लगा रखी है। लेकिन उनका इंतजार लंबा होता जा रहा है और कोई नहीं जानता कि असली नरेंद्र मोदी की मुलाकात दिल्ली के अपने हमशक्ल जगदीश राय भाटिया से कब होगी।
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