यह ख़बर 22 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रसोई गैस सिलेंडर की सबसे ज्यादा खपत ‘वीवीआईपी’ की रसोई में

खास बातें

  • सब्सिडी में कटौती की बात को गरीब विरोधी बताकर इसकी आलोचना अक्सर सुनाई देती है पर एक ताजा जानकारी के अनुसार देश के अति विशिष्ट व्यक्ति (वीवीआईपी) सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की सबसे ज्यादा खपत करते हैं।
नई दिल्ली:

सब्सिडी में कटौती की बात को गरीब विरोधी बताकर इसकी आलोचना अक्सर सुनाई देती है पर एक ताजा जानकारी के अनुसार देश के अति विशिष्ट व्यक्ति (वीवीआईपी) सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की सबसे ज्यादा खपत करते हैं।

यह जानकारी पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली सरकारी कंपनियों द्वारा सिलेंडर आपूर्ति को पारदर्शी बनाने की पहल के तहत शुरू किए गए एक इंटरनेट पोर्टल से सामने आई है। इसका उद्घाटन पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने किया। इस पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के आधिकारिक निवास पर 31 मई तक एक साल की अवधि में 171 एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल हुआ। वहीं विदेश राज्यमंत्री प्रणीत कौर के निवास पर इस दौरान 161 सिलेंडरों की खपत हुई।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के मथुरा लाइन निवास पर 14.2 किलोग्राम के 83 गैस सिलेंडरों की खपत हुई, जबकि भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने एक साल में 80 तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री एमएस गिल ने 79 सिलेंडरों का इस्तेमाल किया।

पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उद्योगपति नवीन जिंदल के 6 पृथ्वीराज रोड निवास पर प्रतिदिन एक से ज्यादा रसोई गैस सिलेंडरों की खपत हुई। जिंदल के पास दो कनेक्शन हैं। एक उनके स्वर्गीय पिता ओपी जिंदल तथा दूसरा राधा देवी रावत के नाम पर है। जिंदल के निवास पर साल के दौरान 369 गैस सिलेंडर भेजे गए।

पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने शुक्रवार को इस पोर्टल को शुरू किया। इसका मकसद ग्राहकों को अपनी बुकिंग की स्थिति की जानकारी देना और साथ ही यह देखना भी है कि किसी को अपनी पारी से पहले सिलेंडर तो नहीं मिल रहा है। रेड्डी के निवास पर महीने में दो से अधिक यानी साल के दौरान कुल 26 सिलेंडरों की खपत हुई।

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नियमानुसार आम जनता को 21 दिन से पहले गैस सिलेंडर बुक कराने की अनुमति नहीं है। रेड्डी ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘इन आंकड़ों से पता चलता है कि मैं लोकप्रिय नेता हूं। मेरे यहां रोजाना काफी लोग आते हैं। कई बार तो 200 से 300 तक। निश्चित रूप से खपत अधिक होगी।’