फाइल फोटो : AFP
रांची:
एक तरफ लातूर में पानी के संकट ने लोगों का जीना बेहाल कर रखा है, वहीं देश के दूसरे कोने झारखंड में भी पानी की मार झेल रहे लोगों के लिए कोई राहत नहीं है। इस बीच रांची स्थित महेंद्र सिंह धोनी के घर का स्विमिंग पूल भी विवादों में घिर गया है। लोगों को शिकायत है कि भारतीय टीम के इस कप्तान के पुश्तैनी घर में कुल जमा दस लोग भी नहीं रहते हैं लेकिन उनके पूल में फिर भी पानी भरा रहता है।
हर दिन 15 हज़ार लीटर पानी
हिंदी वेबसाइट दैनिक भास्कर में छपी ख़बर के अनुसार इस बाबत सीएमओ के जनता दरबार में शिकायत की गई है। आरोप है कि धोनी के इस घर के स्विमिंग पूल में हर दिन 15 हज़ार लीटर पानी का इस्तेमाल हो रहा है। बताया जा रहा है कि धोनी के घर से थोड़ी ही दूरी पर यमुनानगर इलाके में पानी की सप्लाई न के बराबर है, ऐसे में क्रिकेटर के पूल में पानी का इस्तेमाल कितना जायज़ है। हालांकि एनडीटीवी से बातचीत में धोनी के साले गौतम ने इन सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि उनके परिवार ने इस स्विमिंग पूल को पिछले तीन सालों से इस्तेमाल नहीं किया है और इस वक्त उस पूल में एक बूंद पानी भी नहीं है। वहीं रांची नगर निगम के कमिश्नर प्रशांत कुमार से इस मामले में संपर्क नहीं हो पाया।
गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में ही झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया था। एक हफ्ते पहले राज्य सरकार ने कहा कि झारखंड में पानी की कमी को लेकर आपातकाल स्थिति बन गई है। राज्य के सभी बांध और जलाशय आधे से ज्यादा खाली हो चुके हैं। हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने रांची के पास तीन बांधों का निरिक्षण किया। जल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को जलाशयों की क्षमता को बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
तस्वीर : AFP
हर दिन 15 हज़ार लीटर पानी
हिंदी वेबसाइट दैनिक भास्कर में छपी ख़बर के अनुसार इस बाबत सीएमओ के जनता दरबार में शिकायत की गई है। आरोप है कि धोनी के इस घर के स्विमिंग पूल में हर दिन 15 हज़ार लीटर पानी का इस्तेमाल हो रहा है। बताया जा रहा है कि धोनी के घर से थोड़ी ही दूरी पर यमुनानगर इलाके में पानी की सप्लाई न के बराबर है, ऐसे में क्रिकेटर के पूल में पानी का इस्तेमाल कितना जायज़ है। हालांकि एनडीटीवी से बातचीत में धोनी के साले गौतम ने इन सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि उनके परिवार ने इस स्विमिंग पूल को पिछले तीन सालों से इस्तेमाल नहीं किया है और इस वक्त उस पूल में एक बूंद पानी भी नहीं है। वहीं रांची नगर निगम के कमिश्नर प्रशांत कुमार से इस मामले में संपर्क नहीं हो पाया।
गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में ही झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया था। एक हफ्ते पहले राज्य सरकार ने कहा कि झारखंड में पानी की कमी को लेकर आपातकाल स्थिति बन गई है। राज्य के सभी बांध और जलाशय आधे से ज्यादा खाली हो चुके हैं। हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने रांची के पास तीन बांधों का निरिक्षण किया। जल आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को जलाशयों की क्षमता को बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
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