यह ख़बर 31 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

लोकपाल के दायरे में न हों पीएम : रामदेव

खास बातें

  • योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि प्रस्तावित लोकपाल विधेयक से प्रधानमंत्री एवं देश के मुख्य न्यायाधीश के पद को मुक्त रखा जाना चाहिए।
सिहोर (मध्य प्रदेश):

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि प्रस्तावित लोकपाल विधेयक से प्रधानमंत्री एवं देश के मुख्य न्यायाधीश के पद को मुक्त रखा जाना चाहिए। रामदेव ने आवासीय शारीरिक शिक्षा संस्थान के विशाल मैदान में लोगों को योगासनों का अभ्यास कराने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, देश के प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश का पद गरिमापूर्ण पद है और इसे प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे से मुक्त रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए। लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव के साथ ही देश की जनता को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वह अपने प्रधानमंत्री का चुनाव भी सीधे तौर पर कर सके। इसके अलावा चुनाव का खर्च सरकारी तौर पर उठाने से चुनाव के लिए राजनीतिक दलों द्वारा लिए जाने वाले चंदे से काले धन को दूर रखा जा सकेगा। रामदेव ने तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा होने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह चीन, जापान और कुछ अन्य देशों में ये शिक्षाएं उनकी अपनी भाषा में दी जाती हैं, उसी तरह भारत सरकार को भी इन्हें हिन्दी भाषा में उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। देश के बाहर जमा काले धन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 4 जून से नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर अनशन शुरू करने को लेकर योग गुरु ने कहा कि हजारों लोगों ने काले धन के रूप में विदेशी बैंकों में 400 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कर रखी है। यदि यह धन देश में लौट आए, तो भारत एक बार फिर सोने की चिड़िया बन सकता है और यहां दूध-दही की नदियां बह सकती हैं। विदेशी बैंकों में किन लोगों का काला धन जमा है, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इनकी संख्या हजारों में है और इनके नाम उजागर करने का काम केंद्र सरकार का है। उसे चाहिए कि वह इनके नाम जनता के सामने लाए और यह भी बताए कि किस व्यक्ति अथवा संस्थान का कितना काला धन विदेशी बैंकों में जमा है।


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