PDP&NC boycotted local body polls last month because they had instructions from across the border.Probably they had fresh instructions from across the border to come together & form govt.What they did prompted Guv to look into the whole issue: Ram Madhav on J&K assembly dissolved pic.twitter.com/f0wPQbzqrD
— ANI (@ANI) November 22, 2018
वहीं राम माधव के इस दावे पर पलटवार करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आप मेरी पार्टी को पाकिस्तान के लिए काम करती है. मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप अपने इस आरोप को साबित करें. आपके पास रॉ, एनआईए और आईबी जैसी एजेंसियां हैं. आपको जनता के सामने अपने आरोपों के पक्ष में सबूत रखने होंगे जिससे आपके आरोप साबित हो सकें. अगर आप ऐसा नहीं कर पाए तो आपको सावर्जनिक तौर पर अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
I dare you @rammadhavbjp ji to prove your allegation. You have RAW, NIA & IB at your command (CBI too is your parrot) so have the guts to place evidence in the public domain. Either prove this or be man enough to apologise. Don't practice shoot & scoot politics. https://t.co/KEbOo0z6O2
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 22, 2018
खास बात यह है कि राम माधव का यह बयान बुधवार रात राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग करने के बाद आया है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में सरकार बनाने की कोशिश के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका जताई थी. उन्होंने कहा था कि मुझे लग रहा था कि राज्य में सरकार बनाने के लिए बड़े स्तर पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की जा रही है. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने बुधवार की रात कहा था कि प्रदेश में एक महागठबंधन के विचार ने ही भाजपा को बेचैन कर दिया. नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि उनकी पार्टी पांच महीनों से विधानसभा भंग किये जाने का दबाव बना रही थी. यह कोई संयोग नहीं हो सकता कि महबूबा मुफ्ती के दावा पेश किये जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर अचानक विधानसभा को भंग किये जाने का आदेश आ गया.
JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can't be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
महबूबा ने ट्वीट किया,‘‘एक राजनेता के रूप में मेरे 26 वर्ष के कैरियर में, मैंने सोचा था कि मैं सब कुछ देख चुकी हूं .... मैं उमर अब्दुल्ला और अंबिका सोनी का तहेदिल से आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिन्होंने हमें असंभव दिखने वाली चीज को हासिल करने में मदद की.''महबूबा ने कई ट्वीट करके कहा कि पिछले पांच महीनों से राजनीतिक संबद्धताओं की परवाह किये बगैर,‘‘हमने इस विचार को साझा किया था कि विधायकों की खरीद फरोख्त और दलबदल को रोकने के लिए राज्य विधानसभा को भंग किया जाना चाहिए.'' उन्होंने कहा,‘‘लेकिन हमारे विचारों को नजरअंदाज किया गया.
VIDEO: विधानसभा में किसी के पास नंबर नहीं: सत्यपाल मलिक
लेकिन किसने सोचा होगा कि एक महागठबंधन का विचार इस तरह की बैचेनी देगा.'' उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘आज की तकनीक के दौर में यह बहुत अजीब बात है कि राज्यपाल आवास पर फैक्स मशीन ने हमारा फैक्स प्राप्त नहीं किया लेकिन विधानसभा भंग किये जाने के बारे में तेजी से बयान जारी किया गया.''
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