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This Article is From Mar 16, 2021

बंगाल चुनाव : BJP उम्मीदवार बनाए जाने पर हुए विवाद के बीच स्वपन दासगुप्ता ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा

राज्यसभा के मनोनीत सदस्य स्वपन दासगुप्ता को बीजेपी ने बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है. चूंकि उनके नाम को लेकर टीएमसी ने संवैधानिकता का सवाल उठाया था, ऐसे में उन्होंने अब इस्तीफा दे दिया है.

स्वपन दासगुप्ता ने विवादों के बीच अपनी सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कॉलमिस्ट और राज्यसभा में मनोनीत सांसद स्वपन दासगुप्ता ने मंगलवार को सदन से अपना इस्तीफा दे दिया है. आज उन्होंने अपना इस्तीफा इस आग्रह के साथ सौंपा कि इसे बुधवार तक स्वीकार कर लिया जाए. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है, लेकिन चूंकि वो वर्तमान में राज्यसभा में मनोनीत करके भेजे गए हैं, ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ने इसकी संवैधानिकता पर सवाल उठाया था.

ऐसे में अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन इसमें एक पेचीदगी यह भी है कि कोई भी मनोनीत सांसद छह महीने के भीतर ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, स्वपन को चुनाव लड़ाने का निर्णय यह संदेश देने के लिए किया गया कि पार्टी सरकार बनाने जा रही है और नई सरकार में उनकी अहम भूमिका होगी.

दासगुप्ता ने NDTV से कहा, 'राज्यसभा में मुझे राष्ट्रपति की ओर से नामित किए गए खास सदस्य का दर्जा मिला हुआ है. मैं इन चुनावों में तारकेश्वर से बीजेपी के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ा रहा हूं. जाहिर है इन दोनों के बीच बहुत सी चीजें हैं. नामांकन प्रक्रिया में यह सारे काम निपटाने होंगे. और जब तक मैं अपना नामांकन पत्र डालूंगा, तब तक सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. मैंने अभी तक अपना नामांकन नहीं भरा है. मैं गुरुवार या शुक्रवार तक भर सकता हूं.'

हालांकि, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के सोमवार को उस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने दासगुप्ता की सदस्यता रद्द करने की मांग की की थी. उन्होंने कहा, 'मैं किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा हूं. मैं बस यह कह रहा हूं कि कई सारी चीजें हैं, जिन्हें सुलझाना होगा. संसद सहित कई संस्थाओं से क्लियरेंस लेनी होगी. यह सब मेरे नामांकन के पहले पूरा कर लिया जाएगा.

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बता दें कि संवैधानिक नियमों के मुताबिक, उपबंध 99 या उपबंध 188, जो भी सूरत है, के तहत किसी भी सदन का कोई मनोनीत सदस्य अगर अपनी सीट पाने के छह महीने के बाद किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य बनता है तो उसे सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है.

बता दें कि कॉलमिस्ट और राजनीतिक टिप्पणीकार दासगुप्ता को बीजेपी ने बंगाल में टिकट दिया है. पिछले हफ्ते ही उनका नाम लिस्ट में आया है. उनके साथ-साथ लोकसभा के सांसद बाबुल सुप्रियो और लॉकेट चटर्जी का नाम भी है.

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