भारत के नए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के सामने ढेरों चुनौतियां हैं. ऐसे में सबसे अधिक महत्वपूर्ण चुनौती तीनों सेवाओं के आधुनिकीकरण के काम में तेजी लाना है. उनके लिए अन्य बड़ी चुनौती चीन के साथ लगी सीमाओं पर शांति बनाए रखने की है. वह रक्षा मंत्री का पदभार ऐसे समय संभाल रहे हैं जबकि भारत ने तीन महीने पहले पाकिस्तान (Pakistan) के बालाकोट में आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमला किया और माना जा रहा है कि सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारत इसी नीति पर आगे भी चलेगा. सिंह को सेना, नौसेना और वायुसेना की युद्धक क्षमताओं को मजबूत बनाने की चुनौती का सामना करना है. इसकी वजह यह है कि क्षेत्रीय सुरक्षा के समीकरणों और भू राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन आ रहा है. सिंह के पास पूर्ववर्ती मोदी सरकार में गृह मंत्रालय था लेकिन अब नए मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद उन्हें रक्षा मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है.
उनसे पहले यह मंत्रालय निर्मला सीतारमण के पास था. अधिकारियों के अनुसार सिंह शनिवार को रक्षा मंत्रालय का पदभार संभालेंगे. (इनपुट:भाषा)
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