केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर कश्मीर जा रहे हैं. माना जा रहा है कि घाटी में शांति बहाली के लिए गृह मंत्री उन सभी दलों से बातचीत करेंगे जिनका घाटी में रसूख है.
पिछले दिनों घाटी के नौजवानों के हाथों में खूब पत्थर दिखे. केंद्र का मानना है कि इसकी एक अहम वजह इन नौजवानों की बेरोजगारी है. अब केंद्र सरकार ऐसी कुछ योजनाएं शुरू करना चाहती है जिनसे इन बेरोजगार हाथों को काम मिले. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य पुलिस पांच इंडियन रिजर्व बटालियन गठित करने वाली है. इसके अलावा अर्धसैनिक बलों में भी भर्ती शुरू होगी. साथ ही इन नौजवानों को एसपीओ बनाने की भी तैयारी है.
सरकार की पहली प्राथमिकता राज्य में हालात सामान्य करने की है. अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद राज्य पुलिस ने अर्धसैनिक बलों की 130 कम्पनियां कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रोक ली हैं. इनमे से 26 बीएसएफ की कम्पनियां हैं. बरसों बाद अब घाटी में बीएसएफ के जवान दिख रहे हैं.
जानकारी यह भी है कि इन सभी को नाका ड्यूटी से लेकर काउंटर इंटेलिजेंस ऑपरेशन में लगाया जा रहा है. सेना अब घाटी के ग्रामीण इलाकों में पैठ बना रही है. बीच के हंगामे में जो थाने तबाह कर दिए गए थे, उन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है. दक्षिण कश्मीर में 12 एसओजी के कैंप भीड़ ने तबाह कर दिए थे जो फिर जल्द शुरू किए जाएंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कश्मीर घाटी की दो दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे. इस यात्रा के दौरान वह वहां की स्थिति की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही वह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं. उनका यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर की स्थिति पर 'गहरी चिंता और दुख' व्यक्त करने के एक दिन बाद सामने आया है.
सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उत्पन्न अशांति के कारण घाटी में एक महीने में सिंह की यह दूसरी यात्रा है. जम्मू-कश्मीर में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में दो पुलिसकर्मियों सहित 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हुए हैं.
राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने की अपील करते हुए घाटी में लोगों तक पहुंचने के लिए उन्होंने कहा, 'जहां तक भारत सरकार की बात है, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग केवल जरूरत के आधार पर संबंध नहीं चाहते हैं, बल्कि कश्मीर के साथ एक भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहते हैं'.
कल, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की स्थिति पर अपनी 'गहरी चिंता और दुख' व्यक्त किया था और जम्मू-कश्मीर में समस्याओं का एक 'स्थाई और टिकाऊ' समाधान ढूंढने में राजनीतिक दलों से मिलकर काम करने की अपील की थी.
(इनपुट भाषा से भी)
पिछले दिनों घाटी के नौजवानों के हाथों में खूब पत्थर दिखे. केंद्र का मानना है कि इसकी एक अहम वजह इन नौजवानों की बेरोजगारी है. अब केंद्र सरकार ऐसी कुछ योजनाएं शुरू करना चाहती है जिनसे इन बेरोजगार हाथों को काम मिले. एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य पुलिस पांच इंडियन रिजर्व बटालियन गठित करने वाली है. इसके अलावा अर्धसैनिक बलों में भी भर्ती शुरू होगी. साथ ही इन नौजवानों को एसपीओ बनाने की भी तैयारी है.
सरकार की पहली प्राथमिकता राज्य में हालात सामान्य करने की है. अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद राज्य पुलिस ने अर्धसैनिक बलों की 130 कम्पनियां कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रोक ली हैं. इनमे से 26 बीएसएफ की कम्पनियां हैं. बरसों बाद अब घाटी में बीएसएफ के जवान दिख रहे हैं.
जानकारी यह भी है कि इन सभी को नाका ड्यूटी से लेकर काउंटर इंटेलिजेंस ऑपरेशन में लगाया जा रहा है. सेना अब घाटी के ग्रामीण इलाकों में पैठ बना रही है. बीच के हंगामे में जो थाने तबाह कर दिए गए थे, उन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है. दक्षिण कश्मीर में 12 एसओजी के कैंप भीड़ ने तबाह कर दिए थे जो फिर जल्द शुरू किए जाएंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कश्मीर घाटी की दो दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे. इस यात्रा के दौरान वह वहां की स्थिति की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही वह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं. उनका यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर की स्थिति पर 'गहरी चिंता और दुख' व्यक्त करने के एक दिन बाद सामने आया है.
सुरक्षा बलों के साथ आठ जुलाई को हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उत्पन्न अशांति के कारण घाटी में एक महीने में सिंह की यह दूसरी यात्रा है. जम्मू-कश्मीर में हिंसा की विभिन्न घटनाओं में दो पुलिसकर्मियों सहित 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हुए हैं.
राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने की अपील करते हुए घाटी में लोगों तक पहुंचने के लिए उन्होंने कहा, 'जहां तक भारत सरकार की बात है, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग केवल जरूरत के आधार पर संबंध नहीं चाहते हैं, बल्कि कश्मीर के साथ एक भावनात्मक रिश्ता बनाना चाहते हैं'.
कल, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में विपक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां की स्थिति पर अपनी 'गहरी चिंता और दुख' व्यक्त किया था और जम्मू-कश्मीर में समस्याओं का एक 'स्थाई और टिकाऊ' समाधान ढूंढने में राजनीतिक दलों से मिलकर काम करने की अपील की थी.
(इनपुट भाषा से भी)
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