Rajasthan Crisis Update: सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत (Sachin Pilot vs Ashok Gehlot) मामले में राजस्थान हाइकोर्ट आज अहम फैसला सुनाया. सचिन पायलट खेमे को राजस्थान हाईकोर्ट की तऱफ से राहत मिली है. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद गहलोत शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं, वह अपने विधायकों संग गवर्नर हाउस पहुंच चुके हैं. दरअसल कोर्ट में सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमें की तरफ से एक याचिका लगाकर केंद्र को इस मामले में पक्षकार बनाने की अपील की गई थी. जिसे स्वीकार कर लिया गया. चूंकि सभी दलीलें सुने जाने के बाद केंद्र को इस मामले का पक्षकार बनाया गया था तो हाईकोर्ट अब केंद्र सरकार का भी पक्ष सुनेगा. उधर गहलोत कैंप के विधायक बाबूलाल बैरवा की तबियत बिगड़ गई है. सांस लेने की तकलीफ के चलते उन्हें SMS में भर्ती कराया गया. फेयरमोंट होटल से एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल लाए गए. बाबूलाल बैरवा गहलोत खेमे के विधायक माने जा रहे हैं. गौर हो कि राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी (CP Joshi) ने सचिन पायलट खेमे के 19 बागी कांग्रेसी विधायकों को अयोग्यता मामले में नोटिस जारी किया था, जिसके बाद सचिन पायलट समेत अन्य ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर आदेश को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने स्पीकर को 24 जुलाई तक अयोग्यता मामले की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी.
Here is The UPDATE of Rajasthan Crisis:
राजस्थान (Rajasthan) के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं है. 23 जुलाई को सरकार ने रात को अल्प नोटिस के सत्र आहूत करने की पत्रावली पेश की थी. राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी विधायकों की स्वतंत्रता एवं उनका स्वतंत्र आवागमन भी सुनिश्चित किया जाए.
देश में संविधान और क़ानून का शासन है।
- Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2020
सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं।
राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है।
राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।#ArrogantBJP
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा, 'संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं है. 23 जुलाई को सरकार ने रात को अल्प नोटिस के सत्र आहूत करने की पत्रावली पेश की थी. राज्य सरकार के पास अगर बहुमत है तो विश्वासमत प्राप्त करने हेतु सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है फिर.'
विधानसभा का सत्र बुलाने मांग पर राजभवन में अपने विधायकों के साथ धरने पर बैठे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धरना खत्म कर दिया है. उन्होंने 102 विधायकों के समर्थन का पत्र भी राज्यपाल को सौंपा.
विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर विधायकों के साथ राजभवन में धरने पर बैठे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार की शाम मीडियाकर्मियों से कहा कि यहां उल्टी गंगा बह रही है. हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए लेकिन यहां उल्टा हो रहा है, यहां सरकार ही मांग कर रही है लेकिन इसमें पता नहीं क्या षडयंत्र है कि सत्र नहीं बुलाया जा रहा है.
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा सचिन पायलट व उनके सहयोगी विधायकों के खिलाफ किसी कार्रवाई पर रोक लगाने के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है.
सीएम गहलोत अपने विधायकों संग राजभवन पहुंचने वाले हैं. ऐसे में वहां पर सुरक्षा व्यवस्था को
होटल फेयरमाउंट से निकले CM गहलोत, विधायकों के साथ राजभवन की ओर मार्च. निकलने से पहले विधायकों संग की बैठक.
Rajasthan High Court has made Centre a party in the case against Congress, in the petition filed by Sachin Pilot and MLAs against disqualification notice. Additional Solicitor General (ASG) will represent Centre in the court: Prateek Kasliwal, lawyer of Speaker CP Joshi pic.twitter.com/ev40k7HGTJ
- ANI (@ANI) July 24, 2020
कांग्रेस ने कहा विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए सभी जरूरी नियमों का पालन किया जाएगा.
सचिन पायलट खेमें की याचिका पर कुछ ही देर में सुनाया जाएगा फैसला