
नई दिल्ली:
पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय सेना ने थार के रेगिस्तान में थार शक्ति के नाम से युद्धाभ्यास किया. पाक सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूरी पर महीनेभर से अधिक बीकानेर के पास महाजन रेंज में हुए इस अभ्यास में सेना के चेतक कोर के करीब 20,000 सैनिकाेंं ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास का मकसद था कम से कम वक्त में कैसे अपनी कार्रवाई को बेहतर ढ़ंग से अंजाम दिया जा सकता है. जवानों को हेलीकॉप्टर से उतारा गया और काल्पनिक दुश्मन बनाकर उसे परखा गया कि कैसे वो दुश्मन को फटाफट पटखनी दे पाते है. इस दौरान अत्याधुनिक सर्विलांस सेंसर का बखूबी प्रयोग किया गया. इसके अलावा बख्तरबंद गाड़ियां, टैंक और तोप भी हिस्सा ले रही हैं. थल सेना और वायुसेना का बेहतर तालमेल भी देखने को मिला.
भयंकर गर्मी में हुए इस अभ्यास में सेना ने अपने तय किए गए सभी युद्धात्मक पैमाने हासिल किए. अंदाजा लगाइए कैसे 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी जवानों के हौंसले थमे नहीं, बल्कि अपनी ऑपरेशनल चुनौतियों को सफलतापूर्वक हासिल किया. सेना का मानना है कि इससे तैयारी काफी पुख्ता हो जाती है कि कैसे भी हालात हों और कैसा भी मौसम हो, सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हर वक्त तैयार रहती है. इन सबकी बदौलत ही आधुनिक युद्ध में विजय सुनिश्चित की जाती है.

इस अभ्यास का मकसद था कम से कम वक्त में कैसे अपनी कार्रवाई को बेहतर ढ़ंग से अंजाम दिया जा सकता है. जवानों को हेलीकॉप्टर से उतारा गया और काल्पनिक दुश्मन बनाकर उसे परखा गया कि कैसे वो दुश्मन को फटाफट पटखनी दे पाते है. इस दौरान अत्याधुनिक सर्विलांस सेंसर का बखूबी प्रयोग किया गया. इसके अलावा बख्तरबंद गाड़ियां, टैंक और तोप भी हिस्सा ले रही हैं. थल सेना और वायुसेना का बेहतर तालमेल भी देखने को मिला.

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