राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सदन में अपनी ताकत दिखाने के लिए अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं. सूत्रों ने यह जानकारी एनडीटीवी को दी. सूत्रों ने बताया कि राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा बागी विधायकों की याचिका पर फैसला आने के बाद कांग्रेस इस मामले पर विचार करेगी. स्पीकर ने पायलट खेमे के विधायकों को अयोग्य ठहराने के संबंध में नोटिस जारी किया था. इस नोटिस को बागी विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.
एक क्षेत्रीय पार्टी के दो विधायक का समर्थन मिलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी. इन विधायकों ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार को समर्थन देने की पेशकश की है. राज्यपाल के साथ गहलोत ने शिष्टाचार बैठक बताया है, हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उन्होंने राज्यपाल को यह संकेत दिए है कि वह अगले हफ्ते विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं.
बागी विधायकों का दावा है कि सचिन पायलट के पास 30 विधायकों का समर्थन है, जो कि सीएम अशोक गहलोत की सरकार को गिराने के लिए काफी है. हालांकि, गहलोत का कहना है कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट और बागी विधायक कई दिनों से दिल्ली के आसपास ठहरे हुए हैं. सीएम अशोक गहतोल के साथ उनकी तनातनी उस समय खुलकर सामने आ गई जब सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोपों में पायलट को पूछताछ के लिए बुलाया गया. इसके बाद पायलट ने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मुख्यमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठकों में शामिल नहीं हुए.
सचिन पायलट पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें उप-मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. हालांकि, कहा जा रहा है कि कांग्रेस कीे शीर्ष नेतृत्व की ओर से पायलट को वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं.
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