Rajasthan Crisis Updates: राजस्थान के सियासी रण में राजनीतिक नूरा कुश्ती का दौर जारी है. कांग्रेस का दावा है कि उनके पास स्पष्ट बहुमत है तो वहीं पायलट खेमा अपने कदम पीछे हटाता हुआ नजर नहीं आ रहा है. पार्टी के बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस को चुनौती दी है और राजस्थान उच्च न्यायालय में आज उनकी याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. कांग्रेस के सूत्रों ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसके बारे में फैसला करने का राज्य मंत्रिमंडल तथा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और ‘‘वे उचित फैसला लेंगे.'' सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार कर रही है ताकि सचिन पायलट के समर्थन में बागी विधायकों के खेमे के सामने केवल यही विकल्प रहे कि या तो वे सरकार के पक्ष में मतदान करें अथवा उन्हें अयोग्य करार दे दिया जाए.
राजस्थान के सियासी संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जिस तेजी से सचिन पायलट के मामले में तत्परता से निर्णय लिए हैं, वह 73 वर्षीय कांग्रेस प्रमुख की नई नेतृत्व शैली को दर्शाता है. आमतौर पर ज्यादातर लोगों का मानना है कि सोनिया गांधी त्वरित गति से निर्णय नहीं लेती है. राजस्थान के युवा नेता सचिन पायलट के साथ वार्ताकार का रोल निभाने वाले एक शीर्ष नेता ने कहा, "एक सरकार को गिराने का प्रयास किया गया था. ऐसे में आप (सोनिया) निर्णय में देरी कैसे कर सकती हैं?
राजस्थान में सत्ता के संघर्ष को लेकर अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)खेमे और सचिन पायलट खेमे की जंग थमने का नाम ले रही है. दोनों खेमों की ओर से एक-दूसरे पर निशाना साधा है इस 'बयान वार' में कई बार भाषा का स्तर काफी नीचे उतरता नजर आ रहा है. राजस्थान के सीएम ने एक बयान के जरिये अपने 'पूर्व' उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर वार किया है.
NDTV के संवाददाता के अनुसार, राजस्थान के सियासी संकट के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले. भाजपा राष्ट्रीय कार्यालय में करीब 1 घंटे तक चली बैठक. सूत्रों के अनुसार राजस्थान के सियासी संकट पर हुई दोनों के बीच चर्चा. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने जेपी नड्डा को प्रदेश के बारे में दिया फीडबैक.
"एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए। हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है": राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत pic.twitter.com/33lNUJ1xai
- ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2020
राजस्थान हाईकोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से दलीलें दी गईं. अब दो बजे के बाद शुरू होगी सुनवाई.
NDTV संवाददाता के अनुसार सिंघवी ने कहा कि सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों ने जो संवैधानिक पहलू को लेकर सवाल उठाए है उसमें कुछ भी नया नहीं है.
NDTV संवाददाता के अनुसार सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट का इस मामले में क्षेत्राधिकार नहीं बनता है. विधायकों की अयोग्यता को लेकर अभी कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता है. ये अधिकार सिर्फ स्पीकर के पास है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की कारवाई में कोर्ट दखल नही दे सकता है. जब तक स्पीकर फैसला नहीं कर लेते तब तक कोर्ट दखल नहीं दे सकता है. उन्होंने झारखंड मामले का उदाहण दिया. यह केस ज्यूडिशियल रिव्यू के दायरे में नही आता है.
NDTV संवाददाता के अनुसार सिंघवी ने उतरांचल विधानसभा में अमृता रावत और दिल्ली के आप विधायक देविंदर सहरावत केस का हवाला दिया.
NDTV संवाददाता के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू