राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट (Sachin Pilot) सहित उनके कैंप के 18 विधायकों की वापसी के बाद राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल कर लिया है. यानी अब अशोक गहलोत सरकार को अब कोई संकट नहीं है. इसके साथ ही अब उम्मीद की जा सकती है कि होटल बंद पूरी सरकार अब कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए जी-जान से जुट जाएगी. हालांकि कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि राजनीतिक संकट के बावजूद भी सीएम अशोक गहलोत लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं. आज जब 11 बजे राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो बैठने की व्यवस्था की गई कि सचिन पायलट विपक्ष के नेताओं के करीब पहुंच गए. दरअसल अब वो कैबिनेट का हिस्सा नही हैं और उनको उप मुख्यमंत्री पद से भी हटा दिया गया था. वो पहले सत्तापक्ष में सीएम गहलोत की कुर्सी के पास बैठते थे. आज सदन के इस नजारे पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हालिया राजनीतिक व अन्य घटनाक्रम, पुलिस के विशेष कार्यबल द्वारा नोटिस दिए जाने सहित अनेक बातों में पायलट का जिक्र किया. इस पर सचिन पायलट ने उन्हें बीच में टोकते हुए 'वह (राठौड़) बार- बार मेरा नाम ले रहे हैं. मैंने सोचा कि हमारे अध्यक्ष व मुख्य सचेतक ने मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने दो मिनट सोचा और फिर देखा कि यह सरहद है एक तरफ पक्ष है और दूसरी तरफ विपक्ष.... तो सरहद पर किसको भेजा जाता है. सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है.' पायलट ने कहा, 'आज इस विश्वास मत में जो चर्चा हो रही है...उसमें बहुत से बातें बोली गयीं बहुत सी बातें बोली जाएंगी. समय के साथ साथ सब बातों का खुलासा होगा.'
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उन्होंने कहा,‘‘लेकिन मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो कुछ कहना था सुनना था चाहे मैं हूं या मेरा कोई साथी हो .. हम लोगों को जिस डॉक्टर के पास अपने मर्ज को बताना था वो बता दिया...इलाज कराने के बाद हम सब लोग आज... सवा सौ लोग सदन में खड़े हैं. सदन में जब हम सब लोग आए हैं तो कहने सुनने वाली बातों से परे हटकर आज वास्तविकता पर ध्यान देना पड़ेगा.'
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पायलट ने कहा, 'हमने कल जब संकल्प लिया बैठकर बातें की और सारी बातें खत्म हो गयीं. जब आज हमने सदन में प्रवेश किया है तो इस सरहद पर कितनी भी गोलाबारी हो हम सब लोग और मैं कवच और ढाल ... गदा और भाला बनकर यहां पर इसे सुरक्षित रखूंगा ... ये मैं आपको बताना चाहता हूं.' माना जा रहा है कि खुद को मजबूत योद्धा कहकर सचिन पायलट ने एक तरह से राजस्थान से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस नेताओं को एक तरह से संदेश देने की कोशिश की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा यह भी कहा कि मर्ज था उसे जिस डॉक्टर से मर्ज बताना था उसे बताकर इलाज करा दिया गया है. जाहिर है उनका इशारा आलाकमान की ओर था. लेकिन जब सदन के बाहर एनडीटीवी की ओर से पूछा गया कि ये डॉक्टर कौन है तो उन्होंने मुस्कराकर इसका जवाब देने से टाल दिया. (इनपुट : भाषा से भी)
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