Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में रविवार से शुरू हुए सियासी घमासान ने अब तेजी पकड़ ली है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बागी तेवरों को देखते हुए कांग्रेस अपनी किलेबंदी को मजबूत करने में जुटी हुई है तो वहीं बीजेपी इस पूरे मामले पर करीब से नजर रखे हुए है. बीजेपी अब इस बात पर इंतजार कर रही है कि सचिन पायलट का अगला कदम क्या होगा. हालांकि सूत्रों का कहना है कि सचिन की बगावत में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है, यह कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई है. जानकार बताते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का गिरना आसान नहीं होगा. क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच संख्या बल का बड़ा अंतर है.
फिलहाल बीजेपी यह देखना चाह रही है कि सचिन के साथ कितने विधायक हैं. गहलोत सरकार को गिराने के लिए कम से कम तीन कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा देना जरूरी है. चूंकि विधानसभा का साढ़े तीन साल का कार्यकाल बाकि है, ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि विधायक यह जोखिम लेंगे. वहीं दूसरी तरफ वसुंधरा राजे ने धौलपुर से सचिन पायलट के पक्ष में एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि सचिन के साथ अशोक गहलोत बुरा व्यवहार करते थे. उसके साथ अन्याय हुआ.
बता दें कि सचिन पायलट प्रकरण को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सीनियर नेताओं को जयपुर भेजा. रात 2.30 बजे इन नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन पत्र है और कुछ अन्य विधायकों से बात हो रही है. कांग्रेस ने आज 10.30 बजे विधायकों की बैठक भी बुलाई है.
Video: सचिन पायलट के साथ माने जा रहे तीन विधायकों का U-टर्न
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