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This Article is From Jan 23, 2020

राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने लॉन्च किया पार्टी का नया झंडा, जानिए क्या है मतलब

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को अपना नया पार्टी झंडा लॉन्च किया. आज से पार्टी अपने नए कलेवर में आ चुकी है. पार्टी अपना झंडा जो पहले कई रंगों में था उसे बदलकर सिर्फ केसरिया कर लिया है.

राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने लॉन्च किया पार्टी का नया झंडा, जानिए क्या है मतलब
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने लॉन्च किया पार्टी का नया झंडा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को अपना नया पार्टी झंडा लॉन्च किया. आज से पार्टी अपने नए कलेवर में आ चुकी है. पार्टी अपना झंडा जो पहले कई रंगों में था उसे बदलकर सिर्फ केसरिया कर लिया है. गोरेगांव के नेस्को में आयोजित पार्टी के राज्यव्यापी अधिवेशन में राज ठाकरे आज नये झंडे का अनावरण किया. झंडा बदलने पर सवाल पर शर्मिला ठाकरे ने NDTV से कहा कि राज ठाकरे ने कभी भी हिंदुत्व का मुद्दा छोड़ा नहीं है. जिस तरह शिवाजी महाराज सभी को साथ लेकर चलते थे वैसे ही राज ठाकरे भी सबको साथ लेकर चलते हैं. ये पूछने पर कि शिवसेना से बदला लेने के लिए बीजेपी राज ठाकरे का इस्तेमाल कर रही है. इस पर शर्मिला ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कोई ऐसा है जो राज ठाकरे  का इस्तेमाल कर सके. 

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झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज का राजमुद्रा का लोगो बना हुआ है. ये राजमुद्रा संस्कृत भाषा में थी. जिसमें ''प्रतिपच्चंद्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववंदिता शाहसुनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते'' लिखा हुआ है. जिसका मतलब है, ''शाहाजी के पुत्र शिवाजी महाराज की इस मुद्रा की कीर्ति नए चंद्रमा की तरह बढ़ेगी. समस्त विश्व इसकी आराधना करेगा, और यह मात्र जनकल्याण के लिए चमकती रहेगी.'' इस मुद्रा को शिवाजी महाराज के समय पत्र, डॉक्यूमेंट्स, आदेश इत्यादि पर मुहर के लिए प्रयोग में लाया जाता था. इसे छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता शाहाजी ने उन्हें प्रदान की थी. यह शिवाजी महाराज के आदर्शों और लोगों के लिए शासित एक स्वराज्य का प्रतीक बन गया है.

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दअरसल कट्टर हिंदुत्व की छवि वाली पार्टी शिवसेना ने जब से बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाया है, तबसे ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी के हिंदुत्व का मुद्दा कमजोर हो गया है. ऐसे में हाशिये में चली गई एमएनएस कट्टर हिंदुत्व की डोर को पकड़कर पार्टी को फिर से मुख्यधारा में लाने की कोशिश में जुट गई है.  

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