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This Article is From Aug 21, 2012

आजाद मैदान से गरजे राज, मांगा पाटिल और पटनायक का इस्तीफा

मुम्बई: मुम्बई में पिछले दिनों हुई साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मंगलवार को गिरगांव चौपाटी से जुलूस निकाला और फिर आजाद मैदान में रैली की। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार पर जमकर गरजे। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि गृहमंत्री आरआर पाटिल और पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक में थोड़ी भी शर्म बची है तो वे अपने पदों से इस्तीफा दें।

महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ को सम्बोधित करते हुए राज ने कहा, "क्या लोकतंत्र में मोर्चा निकालने का भी हमें हक नहीं है। हमने इसकी अनुमति मांगी थी, लेकिन, हमें अनुमति नहीं दी जा रही थी। हम अपना गुस्सा निकालने के लिए कहां जाएं। अबू आजमी ने रैली की थी तो पुलिस ने उन्हें क्यों नहीं रोका, जबकि उस रैली में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी मौजूद थे।"

एक पासपोर्ट दिखाते हुए उन्होंने कहा, "यह देखिए एक पासपोर्ट। यह आजमी के रैली स्थल से मिला था। यह एक बांग्लादेशी है। यह पासपोर्ट ऐसा है जिसमें आने की अनुमति है, लेकिन जाने का जिक्र नहीं है। महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में असम के लोग हैं। ऐसे ही लोग अबू आजमी को चुनाव जिताने में मदद करते हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग यहां रेलगाड़ियों में भर-भरकर आ रहे हैं।"

राज ने कहा, "मुम्बई में जिस दिन हिंसा हुई थी। उस दिन आरआर पाटिल कहां थे। पटनायक ने गुनहगारों को क्यों छोड़ा। उन्होंने पुलिस बल का मनोबल गिराने का काम किया है। इनके जाने का वक्त आ गया है। इनमें थोड़ी भी शर्म बची है तो वे अपने पदों से इस्तीफा दें।"

मुम्बई में जब हमारे कार्यकर्ताओं को पीटा गया था तब हमने उनसे साफ शब्दों में कहा था कि वे पुलिस पर हमले न करें और न ही उसका जवाब दें। पुलिस पर हमला करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। फिर वह चाहे किसी भी धर्म का क्यों न हो।

इससे पहले राज ठाकरे ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक पांच किलोमीटर तक पैदल मार्च किया।

स्थानीय पुलिस ने सोमवार रात न चाहते हुए भी मनसे को रैली की अनुमति दे दी। शहरवासियों के सामान्य जीवन में व्यवधान न पड़े, इसके लिए पुलिस की ओर से गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक केवल पांच किलोमीटर के क्षेत्र में ही जुलूस निकालने की अनुमति दी गई।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को घोषणा की थी कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन पार्टी अपना विरोध जुलूस निकालकर रहेगी।

उल्लेखनीय है कि 11 अगस्त को मुस्लिम संगठन म्यांमार और असम में कथित तौर पर मुसलमानों पर हुए हमले के विरोध में जुलूस निकाल रहे थे, जो अचानक हिंसक हो गया था। इस घटना में दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

इस घटना से सबक लेते हुए मुम्बई पुलिस ने मंगलवार तड़के से ही शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए। दक्षिण मुम्बई, प्रमुख रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों पर जाने वाली सड़कों पर चौकसी बढ़ा दी गई थी।

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