यूपी में कांग्रेस केवल सात सीटें ही जीत सकी.(फाइल फोटो)
यूपी चुनावों में में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने आलाकमान के समक्ष अपने इस्तीफे की पेशकश की है. दरअसल सपा-कांग्रेस गठबंधन के बावजूद कांग्रेस का प्रदर्शन राज्य में बेहद कमजोर रहा. इस बार कांग्रेस महज सात सीटों पर ही चुनाव जीत सकी. हालांकि 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटें अपने दम पर हासिल की थी. सूबे में कांग्रेस पिछले 28 सालों से सत्ता से बाहर है.
बब्बर ने कहा 'मैं यूपी के पार्टी प्रमुख के तौर पर हार की जिम्मेदारी लेता हूं. हमारे राष्ट्रीय नेताओं ने बहुत मेहनत की थी.' उन्होंने उस विचार को ही सिरे से नकार दिया जिसमें पार्टी के प्रदर्शन के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था.
बब्बर ने NDTV से बातचीत में कहा 'आप नेतृत्व को बदल नहीं सकते. नेतृत्व सिर्फ हम जैसे लोगों की टीम तैयार करता है और यही टीम होती हैं जो चुनाव में जीत या हार के लिए जिम्मेदार होती हैं.' उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी से सहमत हैं कि पार्टी में ढांचागत बदलाव की जरूरत है. गौरतलब है कि कांग्रेस की हर हार के साथ ही राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगते हैं. जहां तक पंजाब में जीत की बात है तो उसका सेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह के सिर पर बांधा जा रहा है जो कि राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.
इससे पहले कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने भी NDTV से बातचीत में कहा था कि 'राहुल गांधी पर दोष डालना फैशन में आ गया है. लेकिन वह कांग्रेस का चेहरा हैं और हम उनके बिना कुछ नहीं कर सकते. राहुल को हमारी नहीं, हमें राहुल की जरूरत है.' उन्होंने कहा 'समस्या उससे कहीं ज्यादा गंभीर है, जितनी आपको दिखाई दे रही है.'
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि राहुल गांधी के पद त्यागने का तो सवाल ही नहीं उठता. राहुल गांधी और उनकी टीम पर आरोप है कि गोवा में सहयोगी पार्टियों को अपनी ओर खींचने के लिए वह ज्यादा प्रयास करते दिखाई नहीं दिए. गोवा में कांग्रेस के इन्चार्ज दिग्विजय सिंह ने कहा 'नेहरू-गांधी परिवार ही कांग्रेस को एकजुट करता है.'
बब्बर ने कहा 'मैं यूपी के पार्टी प्रमुख के तौर पर हार की जिम्मेदारी लेता हूं. हमारे राष्ट्रीय नेताओं ने बहुत मेहनत की थी.' उन्होंने उस विचार को ही सिरे से नकार दिया जिसमें पार्टी के प्रदर्शन के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था.
बब्बर ने NDTV से बातचीत में कहा 'आप नेतृत्व को बदल नहीं सकते. नेतृत्व सिर्फ हम जैसे लोगों की टीम तैयार करता है और यही टीम होती हैं जो चुनाव में जीत या हार के लिए जिम्मेदार होती हैं.' उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी से सहमत हैं कि पार्टी में ढांचागत बदलाव की जरूरत है. गौरतलब है कि कांग्रेस की हर हार के साथ ही राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगते हैं. जहां तक पंजाब में जीत की बात है तो उसका सेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह के सिर पर बांधा जा रहा है जो कि राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.
इससे पहले कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने भी NDTV से बातचीत में कहा था कि 'राहुल गांधी पर दोष डालना फैशन में आ गया है. लेकिन वह कांग्रेस का चेहरा हैं और हम उनके बिना कुछ नहीं कर सकते. राहुल को हमारी नहीं, हमें राहुल की जरूरत है.' उन्होंने कहा 'समस्या उससे कहीं ज्यादा गंभीर है, जितनी आपको दिखाई दे रही है.'
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि राहुल गांधी के पद त्यागने का तो सवाल ही नहीं उठता. राहुल गांधी और उनकी टीम पर आरोप है कि गोवा में सहयोगी पार्टियों को अपनी ओर खींचने के लिए वह ज्यादा प्रयास करते दिखाई नहीं दिए. गोवा में कांग्रेस के इन्चार्ज दिग्विजय सिंह ने कहा 'नेहरू-गांधी परिवार ही कांग्रेस को एकजुट करता है.'
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