रेलवे सवारी गाड़ियों के स्थान पर मेमू ट्रेनें चलाने पर कर रहा विचार

रेलवे के कदम से यात्रा समय में कमी आएगी और व्यस्त मार्गों पर यातायात में कमी आएगी

रेलवे सवारी गाड़ियों के स्थान पर मेमू ट्रेनें चलाने पर कर रहा विचार

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

रेलवे स्वर्णिम चतुर्भज में क्षेत्रीय संपर्क के लिए सवारी गाड़ियों के स्थान पर मेमू (एमईएमयू) ट्रेनें चलाने पर विचार कर रहा है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. रेलवे के इस कदम से यात्रा समय में कमी आएगी और व्यस्त मार्गों पर यातायात में कमी आएगी. स्वर्णिम चतुर्भज दिल्ली मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ता है तथा इसमें सबसे ज्यादा व्यस्त रेल मार्ग हैं.

रेलवे बोर्ड के सदस्य (रॉलिंग स्टॉक) राजेश अग्रवाल ने कहा कि मेमू ट्रेनें शुरू होने से यात्रा में कम समय लगेगा क्योंकि ऐसी ट्रेनें जल्दी ही रफ्तार पकड़ लेती हैं. ऐसी ट्रेनें 300 से 500 किलोमीटर की दूरी के बीच चलती है. सवारी गाड़ियां अक्सर प्रमुख जंक्शनों को छोटे स्टेशनों से जोड़ती हैं. आम तौर पर ऐसी गाड़ियां पूरी तरह से अनारक्षित होती हैं. हालांकि कुछ ट्रेनों में आरक्षित डिब्बे भी होते हैं. सवारी गाड़ियों की रफ्तार कम होती है लेकिन मेमू ट्रेनों की अधिकतम गति करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत गति करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटा होती है.

इन नई ट्रेनों के हर डिब्बों में दो शौचालय भी होंगे.

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(इनपुट भाषा से)