रेलवे के पाइंट्समैन मयूर सखाराम शेलके ने अपनी सूझबूझ और साहस से मध्य रेल (Central Railway) के वांगनी स्टेशन पर अपनी जान को खतरे में डालकर एक 6 साल के बच्चे की जान बचाई. गत 17 अप्रैल को शाम को लगभग 6.25 बजे मयूर सखाराम शेलके ने मध्य रेल के मुंबई (Mumbai) मंडल के वांगनी स्टेशन पर अपनी ड्यूटी के दौरान एक बच्चे को ट्रैक पर गिरा हुआ. उन्होंने देखा कि वह प्लेटफार्म पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था. बच्चा इतना छोटा था कि वह प्लेटफ़ार्म पर चढ़ने में असमर्थ था. उसी समय ट्रेन संख्या 01302 अप (उद्यान एक्सप्रेस) उसी ट्रैक पर तेजी से आ रही थी.
शेलके तुरंत हरकत में आए और ट्रैक पर कूद गए और तेजी से बच्चे की ओर दौड़े. उन्होंने बच्चे को उठाकर प्लेटफॉर्म पर धकेला और फिर वह खुद प्लेटफॉर्म पर एक सेकंड में चढ़ गए. इस प्रकार उनकी समय पर सूझबूझ व साहस से बच्चे के जिंदगी बची. यह बच्चा अपनी मां के साथ प्लेटफॉर्म पर चलते समय ट्रैक पर गिर गया था. उसकी मां नेत्रहीन है और वह अपने बच्चे को बचाने में असमर्थ थी. वह अपने बचाने के लिए चिल्ला रहा था.
सोमवार को पाइंट्समैन मयूर सखाराम शेलके जब दफ्तर पहुंचे तो तालियों की गड़गड़ाहट से उनका जोरदार स्वागत किया गया. ऑफिस के सभी कर्मचारी कतारबद्ध होकर तालियों के जरिए मयूर सखाराम का हौसला बढ़ाते हुए दिखाई दिए. इस मौके पर कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी नजर आए जिन्होंने सखाराम की पीठ थपाथपाकर बधाई दी. इस मौके पर सखाराम सिर्फ सबका अभिवादन स्वीकार करते हुए दिखाई दिए.
#WATCH | Maharashtra: Railway staff at Central Railway office clap for pointsman Mayur Shelkhe, who saved the life of a child who lost his balance while walking at platform 2 of Vangani railway station & fell on railway tracks, on 17th April. Shelkhe was also felicitated. (19.04) pic.twitter.com/6L8l3VmLlQ
— ANI (@ANI) April 20, 2021
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस बच्चे के जीवन को बचाने में दिखाए गए साहस पर शेलके से व्यक्तिगत रूप से बात की और उनके कार्य की सराहना की. उन्होंने ट्वीट कर सालके को पुरस्कृत करने का भी ऐलान किया.
आज रेलवेमैन मयूर शिल्के से बात कर साहस व बहादुरी से भरे काम के लिये उनकी प्रशंसा की, व कहा कि पूरे रेल परिवार को उन पर गर्व है।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 19, 2021
एक बालक की जान बचाने के लिये स्वयं को खतरे में डालने वाले इस युवा ने कहा कि "मुझे रेलवे से इतना कुछ मिला है, मैं केवल अपनी जिम्मेदारी निभा रहा था"।
ट्विटर के माध्यम से पीयूष गोयल ने कहा कि उनके पराक्रम की तुलना किसी पुरस्कार या पैसे से नहीं की जा सकती, बल्कि उन्हें उनके काम से मानवता को प्रेरित करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा.
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