कोरोना काल के बीच देश में रेल किराया (Rail Fare ) महंगा हो सकता है. खबरों के मुताबिक, लंबी दूरी का रेल किराया बढ़ायाजा सकता है, जो रेल यात्रियों के लिए झटका होगा. दरअसल, रेलवे स्टेशन विकास शुल्क (railway station development fee) लगाने की तैयारी है. खबरों के अनुसार, लंबी दूरी की रेल यात्रा आने वाले समय में महंगी हो सकती है. भारतीय रेलवे दोबारा विकसित किए गए स्टेशनों पर चढ़ने या उतरने वाले यात्रियों पर स्टेशन विकास शुल्क के रूप में 10 रुपये से 50 रुपये तक का चार्ज लगाने की योजना बना रही है. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि बुकिंग के दौरान ट्रेन टिकट (Train ticket) में शुल्क जोड़े जाने की संभावना है, लेकिन ऐसे स्टेशनों के चालू होने के बाद से ही यह शुल्क लगाया जाएगा.
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उपभोक्ता शुल्क को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा. सभी एसी श्रेणी के लिए 50 रुपये, स्लीप श्रेणी के लिए 25 रुपये और बिना आरक्षण वाले क्लास के लिए 10 रुपये का शुल्क लगाया जाएगा. रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार उपनगरीय रेलयात्रा के लिए स्टेशन विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसमें कहा गया है कि इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट भी 10 रुपये महंगा होगा.
स्टेशन विकास शुल्क (एसडीएफ) ऐसे स्टेशनों पर चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों से लिया जाएगा. विकास शुल्क ऐसे सभी स्टेशनों पर एक समान होगा और एक अलग घटक और लागू जीएसटी के रूप में शुल्क लिया जाएगा, जिसके लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि एसडीएफ लगाने से रेलवे के लिए निरंतर राजस्व प्रवाह सुनिश्चित होगा और यह मॉडल रेलवे के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य बन सकेगा, ताकि निजी खिलाड़ियों को आकर्षित किया जा सके.भारतीय रेलवे में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रेल स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे के रानी कमलापति स्टेशन और पश्चिम रेलवे के गांधीनगर राजधानी स्टेशन को विकसित और चालू किया गया है.
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