पंजाब के पार्टी नेताओं को राहुल गांधी की नसीहत, जीतना है तो गुटबाजी भूल गांवों का रुख करें

पंजाब के पार्टी नेताओं को राहुल गांधी की नसीहत, जीतना है तो गुटबाजी भूल गांवों का रुख करें

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

चंडीगढ़:

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पंजाब में पार्टी का भविष्य सुधारने की कवायद में जुटे हैं, लेकिन उनके सामने पार्टी नेताओं में गुटबाजी और रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने की चुनौती है। पंजाब के कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने के लिए राहुल गांधी उनके बीच पहुंचे। उनसे रूबरू होने के लिए चंडीगढ़ के पास एक रिजॉर्ट में पार्टी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा। कोशिश सीधे संवाद की थी और राहुल के पास 'जीत का फॉर्मूला' तैयार है।

राहुल ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी एक साथ खड़ी है और एक नई तरह की सरकार हम पंजाब को देना चाहते हैं, जो सरकार युवाओं के भविष्य तैयार करे, किसानों की देखभाल करे, इंडस्ट्री वापस लाए।' राहुल ने दो टूक कहा कि सत्ता में वापसी करने के लिए नेताओं को गांवों में जाना होगा और कार्यकर्ताओं से जो सम्पर्क टूट गया है, उसे दुरुस्त करना पड़ेगा।

गुटबाजी से निबटना सबसे बड़ी चुनौती
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथ में पार्टी की कमान आने के बाद जगमीत बराड़ और बीर देविंदर सिंह जैसे बड़े नेताओं की छुट्टी हो चुकी है। पार्टी के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी से निबटना है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बजवा ने कहा कि राहुल गांधी सबको इकट्ठा करने के लिए आए हैं और मेरा कहना है कि सभी नेताओं को खासकर कैप्टन अमरिंदर सिंह को कि सबको साथ लेकर चलें। एक आदमी कितना भी प्रतिभावान क्यों न हो, वो अकेला जीत नहीं सकता।'

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चुनाव प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी प्रशांत किशोर की देखरेख में कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है। 10 साल से सत्ता से बाहर पार्टी के बड़े नेताओं के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में 'करो या मरो' वाली हालत है।