जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से कांग्रेस में अब भी ऊहापोह की स्थिति है. कांग्रेस के लिए दिक्कत तब बढ़ गई जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर राहुल गांधी के बयान का इस्तेमाल कर संयुक्त राष्ट्र को पत्र भेजा. हालांकि इस पत्र में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और एक बीजेपी विधायक का भी बयान है. लेकिन राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है और यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस मुद्दे पर देश के साथ नहीं है. इसके बाद राहुल गांधी को रक्षात्मक मुद्रा में आना पड़ा और कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान को इसमें दखल नहीं देना चाहिए. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं कई मुद्दों पर सरकार से असहमत हूं. लेकिन मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है. इस मामले में पाकिस्तान और अन्य किसी भी देश के हस्तक्षेप की कोई जगह नहीं है. जम्मू-कश्मीर में हिंसा हो रही है. इस हिंसा का पाकिस्तान समर्थन कर रहा है. पाकिस्तान पूरी दुनिया में आंतकवाद का पोषक है.'
क्या लिखा है पाकिस्तान की चिट्ठी में
पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने टि्वटर पर आठ पेज का पत्र शेयर किया गया है, जिसमें राहुल गांधी के हवाले से लिखा गया है कि जम्मू-कश्मीर में 'लोग मर रहे हैं.' यूएन को संबोधित पत्र में लिखा गया है, 'हिंसा की घटनाओं को कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी जैसे मुख्यधाराओं के राजनेताओं ने कबूल किया है. इस फैसले की वजह से वहां बहुत गलत हो रहा है.' लेकिन केवल राहुल गांधी अकेले भारतीय नेता नहीं है, जिनका जिक्र यूएन को संबोधित करते हुए लिखे खत में किया गया है.
क्या कहा था राहुल गांधी ने
जिस दिन कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई गई थी उस दिन शाम को जब राहुल गांधी दोबारा उस बैठक में आए तो उन्होंने कहा, 'कांग्रेस कार्य समिति की ओर से मुझे बुलाया गया, क्योंकि अगले अध्यक्ष को चुनने के लिए चल रही चर्चा के बीच कुछ खबरें आई हैं कि जम्मू-कश्मीर में चीजें गलत हो रही हैं. हिंसा और लोगों के मरने की खबरें हैं. बैठक में प्रस्तुति दी गई कि जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है.'
तीन राज्यों में चुनाव
जिन तीन बड़े राज्यों में चुनाव होने हैं. उनमें महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा बीजेपी के राष्ट्रवाद का एक अहम हिस्सा था और बीजेपी इस मुद्दे को पूरे देश में भुनाने की कोशिश में जुट गई है. और तीन राज्यों में कांग्रेस की बीजेपी से सीधी टक्कर है. बात करें हरियाणा में तो यहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में हैं. बीजेपी हमेशा कहती रही है कि अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर में हमारा जवान अपनी जान दे सकता है लेकिन वहां जमीन नहीं खरीद सकता है. यह बात आमजन में भावनात्मक मुद्दा बन गई. अब बीजेपी इसे डंके की चोट पर मुद्दा बनाएगी ऐसे हालात में कांग्रेस में ऊहापोह उसको नुकसान पहुंचाएगा. महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना पहले से ही राष्ट्रवाद की नाव पर सवार है और यहां कांग्रेस के संगठन की हालत ठीक नहीं है. कई नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं. लोकसभा में चुनाव में ऐसा लग रहा था कि यहां कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि लेकिन ऑपरेशन बालाकोट के बाद हालात बदल गए थे. इसी तरह झारखंड में भले ही रघुबर सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखी हो लेकिन लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 50-50 लड़ाई थी. वहीं झारखंड में से भी बड़ी संख्या में युवा सीआरपीएफ और सेना में हैं और जब बीजेपी राहुल गांधी के बयानों और कांग्रेस में असमंजस के हालत को मुद्दा बनाएगी तो पार्टी को एक बार फिर से अपनी रणनीति पर विचार करना पड़ेगा.
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