प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला, की यह मांग...

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट किया, 'पूरे देश के लिए एक जैसा लॉकडाउन करने से करोड़ों किसानों, प्रवासी कामगारों, दिहाड़ी मजदूरों और कारोबार मालिकों को ऐसी तकलीफें झेलनी पड़ रही है जिन्हें बयां नहीं किया जा सकता.'

प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला, की यह मांग...

राहुल गांधी का पीएम मोदी पर हमला. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देश में जारी कोरोना (Coronavirus) संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) एक बार फिर मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि पूरे देश में एक ही तरह का लॉकडाउन लागू करने से करोड़ों किसानों, मजदूरों एवं कारोबारियों को बहुत पीड़ा हुई है.

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से ज्यादा प्रभावित इलाकों (Hotspot) के अलावा दूसरे क्षेत्रों में कारोबार धीरे-धीरे खुलने दिया जाए. उन्होंने यह मांग ऐसे वक्त की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह लॉकडाउन एवं कोरोना संकट पर देश को संबोधित करने वाले हैं.

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'पूरे देश के लिए एक जैसा लॉकडाउन करने से करोड़ों किसानों, प्रवासी कामगारों, दिहाड़ी मजदूरों और कारोबार मालिकों को ऐसी तकलीफें झेलनी पड़ रही है जिन्हें बयां नहीं किया जा सकता.' उन्होंने कहा कि इस स्थिति में बड़ी अक्लमंदी से सुधार होना चाहिए. बड़े पैमाने पर जांच के माध्यम से ज्यादा प्रभावित इलाकों को चिन्हित करके अलग किया जाए और दूसरे इलाकों में कारोबार को धीरे-धीरे खुलने दिया जाए.

एक दिन पहले राहुल गांधी ने कहा था कि आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है. उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में किसी विदेशी कंपनी द्वारा देश के किसी कॉरपोरेट का नियंत्रण अपने हाथ में नहीं ले पाने को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. उन्होंने यह चिंता मीडिया में आई उन खबरों पर प्रकट की है, जिनमें कहा गया था कि विदेशी संस्थानों ने स्टॉक बाजार के गिरने के मद्देनजर भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है.

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राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'भीषण आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है, उन्हें अधिग्रहण के लिए आसान निशाना बना दिया है. सरकार को राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में विदेशी कंपनियों को किसी भारतीय कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.'