कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर देश में रोजगार के संकट को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले पर युवाओं से बातचीत करनी चाहिए. जवाहरलाल नेहरू इंडोर ऑडिटोरियम में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ संवाद के दौरान राहुल गांधी ने कहा, "हमारी मौजूदा सरकार यह भी स्वीकार नहीं करना चाहती है कि रोजगार का संकट है." 'शिक्षा : दशा और दिशा' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने आरोप लगाया कि देश का धन कुछ ही लोगों के पास इकट्ठा हो रहा है और पिछले पांच साल में 15-20 बड़े कारोबारियों के 3,50,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है.
उन्होंने कहा, "सारा काम 15-20 उद्योगपतियों की मदद के लिए किया जा रहा है. सोच स्पष्ट है कि सरकार शिक्षा पर पैसे खर्च करना नहीं चाहती है. सरकार नहीं चाहती है कि छात्र शिक्षा पर पैसे खर्च करें. इस क्षेत्र के निजीकरण के माध्यम से उद्योगपतियों की मदद की जा रही है. हमारी सोच यह है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में मदद करनी चाहिए."
राहुल गांधी ने इस बात पर बल दिया कि सरकार को छात्रों की शिक्षा के खर्च का बड़ा अंश चुकाना चाहिए और शिक्षा के लिए आज जितना आवंटित किया जा रहा है उससे ज्यादा किया जाना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान जब हम सत्ता में थे तो हमने 20 विश्वविद्यालय खोले." उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "आपको मालूम है कि पिछले पांच साल में कितने विश्वविद्यालय खोले गए? "
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, "जब मैं कहता हूं कि सरकार को शिक्षा में सहयोग करना चाहिए तो इसका मतलब यह है कि बैंक ऋण आसान किया जाना चाहिए, छात्रवृत्ति देने चाहिए, और विश्वविद्यालय खोलना चाहिए और नामांकन बढ़ाना चाहिए. अगर आप इनके आंकड़े देखें तो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के शासन में इसमें गिरावट आई है."
राहुल गांधी ने कहा कि चीन आर्थिक प्रगति कर रहा है और भारत में अनेक उत्पादों पर मेड इन चाइना का लेबल देखने को मिलता है। हालांकि उन्होंने यकीनन तौर पर कहा कि भारत चीन से आगे जा सकता है. उन्होंने नौकरियों के आंकड़े दोहराते हुए उसको लेकर मोदी की आलोचना की.
उन्होंने कहा, "1.2 अरब की आबादी वाले देश भारत में हर 24 घंटे में 450 नौकरियां पैदा होती हैं जबकि चीन में इसी अवधि में 50,000 नौकरियां पैदा होती हैं. उन्होंने कहा, "ये आंकड़े मेरे नहीं हैं, बल्कि वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में प्रदान किए हैं." उन्होंने कहा, "लगता नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसा सोचते हैं कि यह एक समस्या है."
राहुल गांधी ने वादा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आने पर अगली सरकार कार्य के दौरान जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों को कानून द्वारा शहीद का दर्जा प्रदान करेगी. पीएचडी की छात्र श्रुति गौतम के सवाल का जवाब देते हुए गांधी ने कहा, "अर्धसैनिक बल के जवान अपनी जान देते हैं, लेकिन उनको शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है. अगर हम सरकार बनाएंगे तो हम ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों को शहीद का दर्जा दिलाएंगे."
पुलवामा हमलाः PM मोदी की दिनचर्या पर क्यों मचा घमासान, जानिए कांग्रेस और बीजेपी के आरोप-प्रत्यारोप
पुलवामा में 14 जनवरी को आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की जानें जाने के बाद उन्होंने इस मसले को उठाया. हमले के एक सप्ताह बाद गांधी ने ट्विटर पर लिखा- "बहादुर (जवान) शहीद हैं। उनके परिवार संघर्ष कर रहे हैं. 40 जवानों ने अपनी जानें गंवाईं, लेकिन उनको शहीद का दर्जा नहीं मिला.
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