
लंदन में बोलते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी.
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राहुल गांधी ने फिर साधा आरएसएस पर निशाना
कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की तुलना
बोले-दोनों की विचारधारा में कोई अंतर नहीं
उन्होंने कहा, "हम एक संगठन से संघर्ष कर रहे हैं, जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर आफ इंडिया) को बदलना चाहता है.भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो."
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम जिससे जूझ रहे हैं वह एकदम नया विचार है. यह ऐसा विचार है जो अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के रूप में पाया जाता है. और, विचार यह है कि एक खास विचार को हर संस्थान को संचालित करना चाहिए, एक विचार को बाकी सभी विचारों को कुचल देना चाहिए."
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राहुल ने कुछ उदाहरणों के जरिए बात समझाते हुए कहा, "आप सर्वोच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों की प्रतिक्रिया देखिए जो सामने आकर कहते हैं कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है. आप रघुराम राजन (पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर) और नोटबंदी के झटके को देखिए. आप देख सकते हैं कि भारत के संस्थानों को कैसे एक-एक कर तोड़ा जा रहा है. इस सबका जवाब दिया जाना चाहिए. एक ऐसा जवाब जिसमें वे सब शामिल हों जो भारत ने जो कुछ हासिल किया है, उसका मूल्य समझते हों."
राहुल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला हर एक संस्थान की अवहेलना कर लिया गया. कुछ हफ्ते लगे अर्थशास्त्रियों को यह समझने में कि क्या हुआ है. रिजर्व बैंक से बात नहीं की गई, वित्त मंत्री इसके बारे में नहीं जानते थे. इसका विचार सीधे आरएसएस से आया था.
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2014 चुनाव में कांग्रेस की हार से लिए गए सबक के बारे में उन्होंने कहा कि नेतृत्व का काम सबको सुनना है, सहृदयता है. उन्हें लगता है कि पार्टी के रूप में कांग्रेस में घमंड आ गया था. इसलिए यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि पार्टी दरअसल लोग होते हैं. कांग्रेस में यह सभी के लिए एक सीख है.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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