यह ख़बर 12 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

समलैंगिकता लोगों की निजी आजादी का मामला : राहुल गांधी

नई दिल्ली:

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर विरोध जताया, जिसमें समलैंगिकता को अवैध बताया गया है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले से सहमत हैं, जिसने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था।

राहुल गांधी ने मीडिया को दी अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि ये व्यक्तिगत आजादी के मामले हैं। मैं सोचता हूं, मैं हाईकोर्ट के फैसले से ज्यादा सहमत हूं। हालांकि राहुल ने संवाददाताओं के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिकता को वैध बताया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। राहुल ने कहा, मैं समझता हूं इन मामलों को लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए। ये व्यक्तिगत पसंद हैं। यह देश अपनी स्वतंत्रता, बोलने की आजादी के लिए जाना जाता है, इसलिए इसे वैसे ही रहने दिया जाए।

समलैंगिकता पर राहुल गांधी की टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया के कुछ घंटे बाद आई। सोनिया ने कहा कि उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पलटे जाने से निराशा हुई है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि संसद इस मामले को सुलझाएगी।

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि संसद इस मुद्दे का समाधान निकालेगी और भारत के सभी नागरिकों को संविधान द्वारा प्रदत्त जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करेगी, जिसमें वे नागरिक भी शामिल हैं, जो इस फैसले से सीधे प्रभावित हुए हैं।

गौरतलब है कि समलैंगिक समुदाय को एक तगड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले को पलट कर इसे आपराधिक दंड संहिता के तहत एक गैरकानूनी कृत्य करार दिया और कानून में संशोधन के लिए गेंद संसद के पाले में डाल दी।


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