राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला फासीवादी ताकतों को झटका : राहुल गांधी

कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट द्वारा एकमत से निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित करने का स्वागत करती है.

राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला फासीवादी ताकतों को झटका : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला फासीवादी ताकतों को बड़ा झटका है
  • निगरानी के जरिए दबाव डालने की विचारधारा खारिज
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं
नई दिल्ली:

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, कहा कि यह प्रत्येक भारतीय की जीत है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला फासीवादी ताकतों को बड़ा झटका है. निगरानी के जरिए दबाव डालने की विचारधारा को ठोस तरीके से खारिज किया गया.

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारों का हिस्सा है

वहीं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि निजता निजी स्वतंत्रता के मूल में है, जीवन का अभिन्न हिस्सा है. कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट द्वारा एकमत से निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार घोषित करने का स्वागत करती है.

पढ़ें: अब आधार कार्ड को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने पर होगी सुनवाई, 5 जजों की बेंच करेगी फैसला

VIDEO: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
दरअसल, एक बेहद अहम फैसले के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार, यानी राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकारों, यानी फन्डामेंटल राइट्स का हिस्सा करार दिया है. नौ जजों की संविधान पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए कहा कि राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकारों के अंतर्गत प्रदत्त जीवन के अधिकार का ही हिस्सा है. राइट टू प्राइवेसी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आती है. अब  लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी. हालांकि आधार को योजनाओं से जोड़ने पर सुनवाई आधार बेंच करेगी. इसमें 5 जज होंगे.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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