नई दिल्ली:
दागी सांसदों और विधायकों पर अध्यादेश के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करके इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि राहुल सुबह में सिंह से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे। विवादास्पद अध्यादेश एजेंडे में है और उम्मीद है कि दोनों नेता इस पर चर्चा करेंगे इस मुद्दे पर आगे क्या करना है।
इसके बाद कांग्रेस कोर समूह की बैठक होगी जिसमें प्रधानमंत्री सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा अन्य हिस्सा लेंगे। इस बैठक में इस मामले पर चर्चा होने की उम्मीद है।
राहुल ने इस सप्ताह के शुरू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह अध्यादेश ‘बकवास’ है और इसे ‘फाड़कर फेंक देना चाहिए।’ कई लोगों से इसे प्रधानमंत्री के लिए शर्मिंदगी के रूप में देखा तथा विपक्ष ने बड़े जोरदार ढंग से मांग की कि अमेरिकी यात्रा पर गए सिंह को वापस लौटकर त्यागपत्र दे देना चाहिए।
यद्यपि सिंह ने दिल्ली पहुंचने से पहले विशेष विमान में संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह त्यागपत्र देंगे तो उन्होंने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया।
सूत्रों ने कहा कि सरकार अध्यादेश को वापस लेने पर विचार कर रही है। अध्यादेश को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राष्ट्रपति को यह भी कहा जा सकता है कि वह अपने अधिकार का इस्तेमाल करके अध्यादेश को ठंडे बस्ते में डाल दें। मंत्रिमंडल द्वारा कल इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि राहुल सुबह में सिंह से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे। विवादास्पद अध्यादेश एजेंडे में है और उम्मीद है कि दोनों नेता इस पर चर्चा करेंगे इस मुद्दे पर आगे क्या करना है।
इसके बाद कांग्रेस कोर समूह की बैठक होगी जिसमें प्रधानमंत्री सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा अन्य हिस्सा लेंगे। इस बैठक में इस मामले पर चर्चा होने की उम्मीद है।
राहुल ने इस सप्ताह के शुरू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह अध्यादेश ‘बकवास’ है और इसे ‘फाड़कर फेंक देना चाहिए।’ कई लोगों से इसे प्रधानमंत्री के लिए शर्मिंदगी के रूप में देखा तथा विपक्ष ने बड़े जोरदार ढंग से मांग की कि अमेरिकी यात्रा पर गए सिंह को वापस लौटकर त्यागपत्र दे देना चाहिए।
यद्यपि सिंह ने दिल्ली पहुंचने से पहले विशेष विमान में संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह त्यागपत्र देंगे तो उन्होंने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया।
सूत्रों ने कहा कि सरकार अध्यादेश को वापस लेने पर विचार कर रही है। अध्यादेश को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राष्ट्रपति को यह भी कहा जा सकता है कि वह अपने अधिकार का इस्तेमाल करके अध्यादेश को ठंडे बस्ते में डाल दें। मंत्रिमंडल द्वारा कल इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय किए जाने की संभावना है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं