कांग्रेस में नेतृत्व की भारी किल्लत के बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शीर्ष नेतृत्व के सामने स्पष्ट कर दिया जिस पद से वह इस्तीफा दे चुके हैं अब उस पर दोबारा काबिज नहीं होंगे. राहुल गांधी से जुड़े करीबी सूत्रों ने एनडीटीवी से आज यह बात कही. यह खबर ऐसे समय सामने आई है जब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या राहुल गांधी पद छोड़ने के अपने फैसला को वापस लेंगे. हालांकि, कांग्रेस (Congress) का शीर्ष नेतृत्व अप्रैल महीने के मध्य में पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में इस पर अंतिम फैसला ले सकता है.
सूत्रों ने राहुल गांधी के हवाले से कहा, "मैंने लीडरशीप के मुद्दे पर अपना फैसला स्पष्ट कर दिया है. मैं इस पर पहले ही पत्र लिखा चुका हूं और मैं इस बात को लेकर स्पष्ट हूं कि मौजूदा समय में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मेरी वापसी का कोई सवाल ही नहीं है."
यह पूछे जाने पर कि यदि पार्टी उन (राहुल गांधी) पर पद संभालने का दबाव डालती तो इस पर गांधी ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को करना है. बता दें कि सोनिया गांधी करीब 20 साल तक कांग्रेस की कमान संभाल चुकी हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था.
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सोनिया गांधी का स्वास्थ्य खराब रहना चिंता का विषय है और दिल्ली चुनाव में हुई करारी हार के बाद पार्टी को एक सक्रिय अध्यक्ष की जरूरत है. इस बीच मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी संकट में फंस गई है. कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर कमलनाथ की सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस विधायकों को 25-35 करोड़ रुपये तक की पेशकश कर रहे हैं.
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