लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश करने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को पहली बार ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, 'कई लोकतांत्रिक देशों ने भारत के समय ही आजादी पाई लेकिन जल्द ही तानाशाही में तब्दील हो गए. हम नेहरु जी की पुण्य तिथि पर मजबूत, स्वतंत्र, आधुनिक संस्थाएं बनाने में उनके योगदान को याद करते हैं जिनसे भारत में पिछले 70 वर्षों से लोकतंत्र के बने रहने में मदद मिली.'
Many democratic nations as young as India, soon degenerated into dictatorships.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2019
On his death anniversary, let us remember Jawaharlal Nehru Ji's contribution in building strong, independent, modern institutions, that have helped democracy survive in India for over 70 years ????????
गौर करने वाली बात यह है कि टि्वटर पर उनका बायो उन्हें अभी भी 'कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष' बता रहा है. कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में इस्तीफे की उनकी पेशकश के बाद उनके टि्वटर का बायो पार्टी के कुछ नेताओं को सुकून दे रहा है. लेकिन राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने बताया, वह इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं, लेकिन वह पद को 'खाली' नहीं छोड़ेंगे. नया अध्यक्ष चुनने के लिए वे पार्टी को समय देंगे. राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी कथित तौर पर उनके फैसले के साथ हैं.
वहीं दूसरी ओर खबर है कि राहुल गांधी किसी से भी नहीं मिल रहे हैं. कुछ नवनिर्वाचित सांसदों ने उन्हें कॉल किया, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया. इसके साथ ही उनकी सभी बैठकों और कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. सोमवार को उन्होंने कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता केसी वेनुगोपाल और अहमद पटेल से मुलाकात की. इस दौरान राहुल गांधी ने उनसे कहा कि आप मेरा विकल्प ढूंढ़ लीजिए, क्योंकि मैं इस्तीफा वापस नहीं लूंगा.
साथ ही सूत्रों का यह भी कहना है कि सप्ताह भर से कांग्रेस नेता उन्हें मनाने में जुटे हैं और लेकिन राहुल गांधी ने अपना मन नहीं बदला. आधिकारिक तौर पर, पार्टी ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को 'सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया था.'
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कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं के ढीलेपन को लेकर उन पर निशाना साधा. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से आगे अपने बेटों को रखा और उन्हें टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाया. हालांकि, राहुल गांधी ने किसी का नाम नहीं किया, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं के बेटे और बेटियों को हार का सामना करना पड़ा. इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव शामिल हैं.
इस्तीफे पर अड़े राहुल गांधी, कहा- पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने बेटों को ही आगे बढ़ाने में लगे रहे
जब राहुल गांधी ने बैठक में इस्तीफे की पेशकश की तो पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि अगर वह इस्तीफा देते हैं दक्षिण से कांग्रेस कार्यकर्ता सुसाइड कर सकते हैं.
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