चीन के साथ गतिरोध को लेकर राजनाथ के बयान पर राहुल गांधी का वार, ट्वीट कर कही यह बात...

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को सीमा के हालात की समीक्षा करने के लिए लद्दाख की यात्रा (Ladakh Visit) पर पहुंचे हुए थे.

चीन के साथ गतिरोध को लेकर राजनाथ के बयान पर राहुल गांधी का वार, ट्वीट कर कही यह बात...

चीन से जारी गतिरोध को लेकर राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं.

नई दिल्ली:

लद्दाख में एलओसी के इलाकों में भारत और चीनी सेनाओं के बीच जारी गतिरोध को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है, राहुल गांधी के निशाने पर इस बार मोदी सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रहे. शुक्रवार को राजनाथ सिंह ने लद्दाख का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने सैनिकों को संबोधित करते हुए देश को आश्वस्त किया था कि किसी भी देश ने हमारी जमीन पर कोई कब्जा नहीं है. हालांकि उन्होंने इस दौरान चीन के साथ जारी गतिरोध को समाप्त करने पर कहा कि था, "इस गतिरोध का हल कहां तक होगा इसकी मैं कोई गारंटी नहीं दे सकता हूं." राजनाथ सिंह के इसी बयान का एक वीडियो ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने आज ट्वीट के जरिए किए गए अपने ताजा हमले में लिखा, "चीन ने हमारी जमीन ले ली है और भारत सरकार चेम्बरलेन (पूर्व ब्रिटिश पीएम) की तरह व्यवहार कर रही है. इससे चीन और आगे बढ़ेगा. भारत को केंद्र सरकार की कायरतापूर्ण कार्रवाइयों के कारण बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है."

दरअसल राजनाथ इस वीडियो में यह कहते दिख रहे हैं. "मामला हल होना चाहिए लेकिन कहां तक हल होगा, अभी इस संबंध में मैं कोई गारंटी नहीं दे सकता हूं. लेकिन मैं इतना यकीन दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन को भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती है. उस पर कब्जा नहीं कर सकती है."
 

क्यों याद आए चेम्बरलेन
दरअसल राहुल गांधी ने पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री नेविलर चेम्बरलेन (Neville Chamberlain) से मोदी सरकार की तुलना इसलिए की है. क्योंकि चेम्बरलेन दूसरे विश्व युद्ध को टालने के उद्देश्य से जर्मनी के तानाशाह हिटलर से मिलने के लिए गए थे. और उन्हें विश्वास था कि जर्मनी चेकोस्लोवाकिया (जो कि अब अलग अलग देश हो चुके हैं) पर हमला नहीं करेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और एक साल बाद ही विश्वयुद्ध शुरू हो गया था.

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को सीमा के हालात की समीक्षा करने के लिए लद्दाख की यात्रा (Ladakh Visit) पर पहुंचे हुए थे. रक्षा मंत्री 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प (Galwan Valley Clash) में 20 भारतीय जवानों के जान गंवाने की घटना के एक महीने बाद लद्दाख पहुंचे हुए थे.

रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया , जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत हो रही है. अभी दो दिन पहले ही दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच चुशुल में चौथे चरण की बातचीत संपन्न हुई है. सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि इस बैठक में एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर तनाव को लेकर बातचीत हुई है.

अभी पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि भारत-चीन ने आपस में बातचीत करके सीमा पर तनाव कम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है. इस बयान में कहा गया था कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन पूरी तरह बहाल करने के लिए LAC के आसपास सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की बात दोहराई. 

बातचीत से कितना हल निकलेगा, अभी कह नहीं सकते : राजनाथ सिंह
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