मथुरा:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी में दोबारा जान फूंकने के लिए कार्यकर्ताओं के सामने एप्पल कंपनी का भाग्य बदलने वाले स्टीव जॉब्स का उदाहरण रखा।
राहुल गांधी ने मथुरा में पार्टी की वर्कशॉप में कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरी सोच में बदला आया है, पहले मैं पार्टी को सेना की तरह देखता था, अब पार्टी को परिवार मानता हूं। उन्होंने कहा, जो पार्टी से बाहर गए उन्हें भी अपना मानता हूं।
राहुल ने कहा, जब मैं छोटा था, पापा जो कुछ कहते थे, कभी-कभी मैं उस बात को मानता था, कभी नहीं भी मानता था। मगर जब मैं कुछ बोलता था, पापा के पास शक्ति थी मुझे चुप कराने की, लेकिन वह मेरी बात सुनते थे।
राहुल ने कहा, सेना में एक जनरल ठीक काम न करने वाले किसी सिपाही को हटा सकता है, लेकिन एक परिवार के सदस्य के रूप में हमें यह कहना होगा कि इस काम कोई कोई और कर लेगा, आप किसी दूसरे काम को अच्छी तरह से कर सकते हैं। चाहे टीम में कोई हमें अच्छा लगे या न लगे, परिवार में सब हैं। हम किसी को बाहर नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, हम उत्तर प्रदेश में भले ही चौथे नंबर की पार्टी हैं, लेकिन विचारधारा के मामले में हम नंबर एक हैं। अगर हमने सिर्फ अपनी विचारधारा पकड़ ली, तो कांग्रेस परिवार की यूपी में निश्चित रूप से जीत होगी।
राहुल ने दिया स्टीव जॉब्स का उदाहरण
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को एप्पल कंपनी के प्रमुख रहे स्टीव जॉब्स का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि स्टीव जॉब्स से किसी ने पूछा कि आपकी कंपनी पहले खत्म हो गई थी, इसे आपने दोबारा कैसे खड़ा किया। स्टीव जॉब्स ने जवाब दिया कि जब मैं छोटा था, तो मैं एक बुजुर्ग पड़ोसी के घर खेलने जाता था। एक दिन बुजुर्ग ने एक मोटर दिखाई, मोटर के पास एक ड्रम था, वहां 20-25 पत्थर थे, अलग-अलग आकार के। उन्होंने ड्रम में ये पत्थर डाल दिए और मोटर को चालू कर दिया और जॉब्स को कहा कि अब घर चले जाओ और कल सुबह आना।
अगले दिन जॉब्स से मोटर को बंद करने को कहा। ड्रम में सभी पत्थर एक ही आकार के हो गए थे और सभी चमकीले हो गए थे। जॉब्स ने पूछा कि इसका मतलब क्या हुआ। तो बुजुर्ग ने कहा कि अगर आप सबको एक ड्रम में डाल दो और उनकी सही तरीके से बातचीत करा दो, उनकी अपनी जगह दे दो तो हर पत्थर की अपनी चमक होती है, वह आ जाएगी।
'हमें अपनी सोच में एकरूपता लानी होगी'
राहुल ने कहा, यहां अलग-अलग विचारधाराएं हैं। कांग्रेस, आरएसएस नहीं है। कांग्रेस की चमक ऊपर से नहीं आती, अंदर से बाहर की ओर निकलती है। इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को आपसी स्तर पर बातचीत शुरू करनी चाहिए।
हमें अपनी सोच में एकरूपता लानी होगी, यह भाईचारा है। हिन्दुस्तान के दिल में कांग्रेस की विचारधारा विकसित करनी है। हम उत्तर प्रदेश में भले ही चौथे नंबर की पार्टी हैं, लेकिन विचारधारा के मामले में हम नंबर एक हैं।
उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, वे आए और वादे किए, हर व्यक्ति को 15 लाख का वादा कर रहे थे, मिला क्या... अच्छे दिन कब आएंगे, किसी भी युवा को रोजगार नहीं मिला।
राहुल गांधी ने मथुरा में पार्टी की वर्कशॉप में कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरी सोच में बदला आया है, पहले मैं पार्टी को सेना की तरह देखता था, अब पार्टी को परिवार मानता हूं। उन्होंने कहा, जो पार्टी से बाहर गए उन्हें भी अपना मानता हूं।
राहुल ने कहा, जब मैं छोटा था, पापा जो कुछ कहते थे, कभी-कभी मैं उस बात को मानता था, कभी नहीं भी मानता था। मगर जब मैं कुछ बोलता था, पापा के पास शक्ति थी मुझे चुप कराने की, लेकिन वह मेरी बात सुनते थे।
राहुल ने कहा, सेना में एक जनरल ठीक काम न करने वाले किसी सिपाही को हटा सकता है, लेकिन एक परिवार के सदस्य के रूप में हमें यह कहना होगा कि इस काम कोई कोई और कर लेगा, आप किसी दूसरे काम को अच्छी तरह से कर सकते हैं। चाहे टीम में कोई हमें अच्छा लगे या न लगे, परिवार में सब हैं। हम किसी को बाहर नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, हम उत्तर प्रदेश में भले ही चौथे नंबर की पार्टी हैं, लेकिन विचारधारा के मामले में हम नंबर एक हैं। अगर हमने सिर्फ अपनी विचारधारा पकड़ ली, तो कांग्रेस परिवार की यूपी में निश्चित रूप से जीत होगी।
राहुल ने दिया स्टीव जॉब्स का उदाहरण
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को एप्पल कंपनी के प्रमुख रहे स्टीव जॉब्स का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि स्टीव जॉब्स से किसी ने पूछा कि आपकी कंपनी पहले खत्म हो गई थी, इसे आपने दोबारा कैसे खड़ा किया। स्टीव जॉब्स ने जवाब दिया कि जब मैं छोटा था, तो मैं एक बुजुर्ग पड़ोसी के घर खेलने जाता था। एक दिन बुजुर्ग ने एक मोटर दिखाई, मोटर के पास एक ड्रम था, वहां 20-25 पत्थर थे, अलग-अलग आकार के। उन्होंने ड्रम में ये पत्थर डाल दिए और मोटर को चालू कर दिया और जॉब्स को कहा कि अब घर चले जाओ और कल सुबह आना।
अगले दिन जॉब्स से मोटर को बंद करने को कहा। ड्रम में सभी पत्थर एक ही आकार के हो गए थे और सभी चमकीले हो गए थे। जॉब्स ने पूछा कि इसका मतलब क्या हुआ। तो बुजुर्ग ने कहा कि अगर आप सबको एक ड्रम में डाल दो और उनकी सही तरीके से बातचीत करा दो, उनकी अपनी जगह दे दो तो हर पत्थर की अपनी चमक होती है, वह आ जाएगी।
'हमें अपनी सोच में एकरूपता लानी होगी'
राहुल ने कहा, यहां अलग-अलग विचारधाराएं हैं। कांग्रेस, आरएसएस नहीं है। कांग्रेस की चमक ऊपर से नहीं आती, अंदर से बाहर की ओर निकलती है। इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को आपसी स्तर पर बातचीत शुरू करनी चाहिए।
हमें अपनी सोच में एकरूपता लानी होगी, यह भाईचारा है। हिन्दुस्तान के दिल में कांग्रेस की विचारधारा विकसित करनी है। हम उत्तर प्रदेश में भले ही चौथे नंबर की पार्टी हैं, लेकिन विचारधारा के मामले में हम नंबर एक हैं।
उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, वे आए और वादे किए, हर व्यक्ति को 15 लाख का वादा कर रहे थे, मिला क्या... अच्छे दिन कब आएंगे, किसी भी युवा को रोजगार नहीं मिला।
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