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This Article is From Jan 27, 2014

नरेंद्र मोदी सरकार ने भड़काया था 2002 का दंगा : राहुल गांधी

नरेंद्र मोदी सरकार ने भड़काया था 2002 का दंगा : राहुल गांधी
नई दिल्ली:

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि 2002 में गुजरात दंगे भड़काने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है, जबकि कांग्रेस सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को रोकने की कोशिश की थी। हालांकि, राहुल ने 84 के दंगों पर कोई अफसोस नहीं जताया।

आगामी लोकसभा चुनाव में एक तरह से मोदी के प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे राहुल ने कहा कि वह मोदी से डरे हुए नहीं हैं और कांग्रेस भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव हराएगी।

एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में राहुल ने मोदी पर सीधा प्रहार करते हुए कहा,  'सचाई यह है कि 1984 में बेगुनाह लोग मारे गए और बेगुनाहों का मारा जाना भयावह चीज है जो नहीं होना चाहिए। गुजरात और 1984 में अंतर यह है कि (2002 के) दंगों में गुजरात की सरकार शामिल थी।'

साक्षात्कार के दौरान जब राहुल से पूछा गया कि जब अदालत ने मोदी को क्लीन चिट दे दी है तो वह उन्हें जिम्मेदार क्यों ठहरा रहे हैं, इस पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'गुजरात के दंगे जब हुए तब वह मुख्यमंत्री थे। गुजरात सरकार दरअसल दंगों को और भड़का और बढ़ा रही थी।'

दिल्ली के सिख विरोधी दंगों और गुजरात के दंगों में सरकारों की भूमिका के अंतर को रेखांकित करते हुए राहुल ने कहा, 'साधारण सा अंतर यह है कि 1984 में सरकार जनसंहार में शामिल नहीं थी। गुजरात में वह शामिल थी।' उन्होंने कहा कि 1984 में कांग्रेस सरकार दंगों को भड़का नहीं रही थी या उनमें मदद नहीं कर रही थी, बल्कि सरकार ने हिंसा को रोकने की कोशिश की थी।

जब राहुल से फिर से जोर देकर पूछा गया कि वह गुजरात दंगों पर मोदी पर निशाना कैसे साध सकते हैं तो उन्होंने कहा, 'यह मैं नहीं, बड़ी संख्या में लोगों ने देखा कि दंगों में गुजरात सरकार सक्रियता से शामिल थी।'

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 1984 के दंगों के लिए माफी मांगेंगे, या वह यह महसूस करते हैं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है, राहुल ने कहा, 'सबसे पहले, मैं इन दंगों में बिल्कुल भी शामिल नहीं था। ऐसा नहीं था कि मैं इसका हिस्सा था।' इसी के साथ उन्होंने स्वीकारा, 'कुछ कांग्रेसी लोग 1984 के सिख विरोधी दंगों में संभवत: संलिप्त थे और इसके लिए उन्हें सजा दी गई है।'

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस पार्टी की ओर से माफी मांगेंगे, उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि ये दंगे, सभी दंगों की तरह डरावनी घटना थी। खुलकर कहूं तो मैं कांग्रेस पार्टी के क्रियाकलापों (ऑपरेशन) में शामिल नहीं थी।'

राहुल से पूछा गया कि क्या वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस नजरिये से सहमत हैं कि मोदी ने अहमदाबाद की सड़कों पर निर्दोषों के 'नरसंहार' का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह तथ्य है। गुजरात में (यह) हुआ और लोग मारे गए।'

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनकर मोदी से सीधी टक्कर से बच रहे हैं, राहुल ने कहा, 'यह सवाल समझने के लिए, आपको कुछ समझना पड़ेगा, राहुल गांधी कौन हैं और फिर इस सवाल का आपको उत्तर मिलेगा कि राहुल गांधी किससे डरते हैं और किससे नहीं।'

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर उनका नजरिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है, हम अगले चुनावों में भाजपा को हराएंगे.. मैं चुनाव जीतूंगा। मैं आश्वस्त हूं।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस 'जंग के लिए तैयार' है और 'जीतने वाली' है।

यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस चुनाव नहीं जीतती है, तो क्या वह इसकी जिम्मेदारी लेंगे, राहुल ने कहा, 'अगर हम नहीं जीते, मैं पार्टी का उपाध्यक्ष हूं, मैं जिम्मेदारी लूंगा।' मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने कहा, 'भाजपा सत्ता को एक व्यक्ति के पास केंद्रित करने में विश्वास रखती है। मैं इससे मौलिक रूप से असहमत हूं। मैं लोकतंत्र में विश्वास रखता हूं। मैं व्यवस्था को खोलने में विश्वास रखता हूं.. हमारा सिद्धांत मौलिक रूप से भिन्न है।'

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