सहारनपुर में किसानों की समस्याएं सुनते हुए राहुल गांधी।
नई दिल्ली:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को सहारनपुर के कई गांवों में पदयात्रा की। उन्होंने यहां गन्ना किसानों की समस्याएं सुनीं और मोदी सरकार को किसान मजदूर विरोधी करार दिया।
अखिलेश सरकार को भी बनाया निशाना
सहारनपुर के पिलखनी से पटनी गांव तक करीब 6 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करते हुए राहुल गांधी ने तीन जगह छोटी-छोटी सभाओं को संबोधित किया। लैंड बिल पर मोदी सरकार को कदम खींचने को मजबूर करने की दुहाई देकर उन्होंने कांग्रेस को किसान का सच्चा हितैशी बताया। उन्होंने बंद चीनी मिलों और किसानों की बर्बादी के लिए केन्द्र की सरकार के साथ साथ यूपी की अखिलेश सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने वादा किया था कि राज्य को बदल देंगे। साढ़े तीन साल में जितना काम होना चाहिए था नहीं हुआ। अब डेढ़ साल में कुछ कर लें।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर चुटकी ली और उन पर निशाना भी साधा।
सत्ता विरोधी लहर पर नजर
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद के साथ मंच साझा करने पर बीजेपी ने राहुल को निशाना बनाने की कोशिश की थी लेकिन खुद मसूद ने माफी मांग लेने की बात याद दिलाई और उल्टा बीजेपी पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह इलाका कभी अजीत सिंह का गढ़ हुआ करता था लेकिन पिछले चुनाव में उनका सूपड़ा साफ हो गया। सहारनपुर के इलाके में मायावती की अच्छी पैठ बताई जा रही है। यूपी में चुनाव करीब डेढ़ साल बाद है और कांग्रेस केन्द्र और यूपी दोनों सरकारों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की उम्मीद पर सवार होने की कोशिश में है।
किसानों, खास तौर पर गन्ना किसानों की समस्याओं के जरिए राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खोई जमीन हासिल करने की कोशिश में हैं। लेकिन बिहार में गठबंधन की कामयाबी के बावजूद अभी वे इस बात पर खामोश हैं कि यूपी में कांग्रेस अपने बूते चुनाव लड़ेंगी या किसी समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ गठबंधन करेगी।
अखिलेश सरकार को भी बनाया निशाना
सहारनपुर के पिलखनी से पटनी गांव तक करीब 6 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करते हुए राहुल गांधी ने तीन जगह छोटी-छोटी सभाओं को संबोधित किया। लैंड बिल पर मोदी सरकार को कदम खींचने को मजबूर करने की दुहाई देकर उन्होंने कांग्रेस को किसान का सच्चा हितैशी बताया। उन्होंने बंद चीनी मिलों और किसानों की बर्बादी के लिए केन्द्र की सरकार के साथ साथ यूपी की अखिलेश सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने वादा किया था कि राज्य को बदल देंगे। साढ़े तीन साल में जितना काम होना चाहिए था नहीं हुआ। अब डेढ़ साल में कुछ कर लें।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर चुटकी ली और उन पर निशाना भी साधा।
राहुल गांधी की सभा में मौजूद नागरिक।
सत्ता विरोधी लहर पर नजर
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद के साथ मंच साझा करने पर बीजेपी ने राहुल को निशाना बनाने की कोशिश की थी लेकिन खुद मसूद ने माफी मांग लेने की बात याद दिलाई और उल्टा बीजेपी पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह इलाका कभी अजीत सिंह का गढ़ हुआ करता था लेकिन पिछले चुनाव में उनका सूपड़ा साफ हो गया। सहारनपुर के इलाके में मायावती की अच्छी पैठ बताई जा रही है। यूपी में चुनाव करीब डेढ़ साल बाद है और कांग्रेस केन्द्र और यूपी दोनों सरकारों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की उम्मीद पर सवार होने की कोशिश में है।
किसानों, खास तौर पर गन्ना किसानों की समस्याओं के जरिए राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की खोई जमीन हासिल करने की कोशिश में हैं। लेकिन बिहार में गठबंधन की कामयाबी के बावजूद अभी वे इस बात पर खामोश हैं कि यूपी में कांग्रेस अपने बूते चुनाव लड़ेंगी या किसी समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ गठबंधन करेगी।
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