रघुराम राजन और सुब्रमण्यम स्वामी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर अब रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन हैं। स्वामी ने रघुराम राजन को देश के लिए नुकसानदेह बताकर शिकागो भेजने की मांग कर डाली है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को सुझाव दिया कि रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन को हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह देश में बेरोजगारी और औद्योगिक गतिविधियों के लोप के लिए जिम्मेदार हैं।
राजन की नीतियों से बेरोजगारी बढ़ने का आरोप
स्वामी ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे विचार से आरबीआई गवर्नर इस देश के लिए उपयुक्त नहीं है। मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहता। उन्होंने मुद्रास्फीति नियंत्रित करने की आड़ में ब्याज दर में बढ़ोतरी की जिससे देश को नुकसान हुआ है।’ गवर्नर की पहलों से उद्योग की गतिविधियां कम हुईं और अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी बढ़ी। जितनी जल्दी उन्हें शिकागो वापस भेजा जाए उतना अच्छा होगा।
गौरतलब है कि राजन शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त विभाग के अवकाश पर चल रहे प्रोफेसर हैं। राजन ने सितंबर 2013 में आरबीआई गवर्नर का पद भर संभालने के बाद से फौरी नकदी के लिए आरबीआई की ब्याज दर 7.25 प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दी और पूरे 2014 तक इसे उच्च स्तर पर बरकरार रखा।
उन्होंने वित्त मंत्रालय और उद्योग से वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दर में कमी के अत्यधिक दबाव के बावजूद मुद्रास्फीतिक चिंताओं को हवाला देते हुए मुख्य नीतिगत दर को उच्च स्तर पर बरकरार रखा। गवर्नर ने जनवरी 2015 से नीतिगत दर में कमी का सिलसिला शुरू किया और तब से रेपो दर कुल मिला कर 1.50 प्रतिशत घट कर 6.50 प्रतिशत पर आ गई है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को सुझाव दिया कि रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन को हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह देश में बेरोजगारी और औद्योगिक गतिविधियों के लोप के लिए जिम्मेदार हैं।
राजन की नीतियों से बेरोजगारी बढ़ने का आरोप
स्वामी ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे विचार से आरबीआई गवर्नर इस देश के लिए उपयुक्त नहीं है। मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहता। उन्होंने मुद्रास्फीति नियंत्रित करने की आड़ में ब्याज दर में बढ़ोतरी की जिससे देश को नुकसान हुआ है।’ गवर्नर की पहलों से उद्योग की गतिविधियां कम हुईं और अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी बढ़ी। जितनी जल्दी उन्हें शिकागो वापस भेजा जाए उतना अच्छा होगा।
पहले भी स्वामी रघुराम राजन के खिलाफ बोलते रहे हैं। अप्रैल में उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि नौकरियों में 67 प्रतिशत की गिरावट हुई है और राजन अपने रुख पर अड़े हुए हैं।Mujhe lagta hai RBI Governor hamare desh ke liye anukool nahin hain: Subramanian Swamy,BJP. pic.twitter.com/zsSGFRvTZ0
— ANI (@ANI_news) May 12, 2016
गौरतलब है कि राजन शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त विभाग के अवकाश पर चल रहे प्रोफेसर हैं। राजन ने सितंबर 2013 में आरबीआई गवर्नर का पद भर संभालने के बाद से फौरी नकदी के लिए आरबीआई की ब्याज दर 7.25 प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दी और पूरे 2014 तक इसे उच्च स्तर पर बरकरार रखा।
उन्होंने वित्त मंत्रालय और उद्योग से वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दर में कमी के अत्यधिक दबाव के बावजूद मुद्रास्फीतिक चिंताओं को हवाला देते हुए मुख्य नीतिगत दर को उच्च स्तर पर बरकरार रखा। गवर्नर ने जनवरी 2015 से नीतिगत दर में कमी का सिलसिला शुरू किया और तब से रेपो दर कुल मिला कर 1.50 प्रतिशत घट कर 6.50 प्रतिशत पर आ गई है।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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