विज्ञापन
This Article is From Nov 18, 2019

रघुबर दास वो 'दाग' हैं जिसे 'मोदी डिटर्जेंट' और 'शाह लॉन्‍ड्री' भी धो नहीं सकती : सरयू राय

रघुबर दास ने नामांकन भरने के बाद संवादाता सम्मेलन में राय की उम्मीदवारी पर बस इतना कहा कि लोकतंत्र है और सबको आज़ादी है कि वो कहां से किसके ख़िलाफ़ लड़ता है.

रघुबर दास वो 'दाग' हैं जिसे 'मोदी डिटर्जेंट' और 'शाह लॉन्‍ड्री' भी धो नहीं सकती : सरयू राय
सरयू राय जमशेदपुर पूर्व सीट से मुख्‍यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
इस बयान से राय ने केंद्रीय नेतृत्व को भी अपने निशाने पर रखा है
रघुबर दास समर्थक अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं
'दास के खिलाफ पार्टी का एक तबक़ा भीतरघात भी कर सकता है'
रांची:

झारखंड की राजनीति में जमशेदपुर पूर्व सीट पर मुक़ाबला रोचक हो गया है. इस सीट से वर्तमान में मुख्यमंत्री और इस चुनाव में भाजपा के चेहरे रघुबर दास (Raghubar Das) पांच बार से जीत रहे हैं लेकिन इस बार उन्‍हें सरयू राय (Saryu Rai) चुनौती दे रहे हैं जो रविवार तक उन्हीं के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगी थे. जहां रघुबर दास ने नामांकन भरने के बाद संवादाता सम्मेलन में राय की उम्मीदवारी पर बस इतना कहा कि लोकतंत्र है और सबको आज़ादी है कि वो कहां से किसके ख़िलाफ़ लड़ता है. लेकिन सरयू राय ने अपने नामांकन के बाद दास को ‘दाग़' बताया और यहां तक कह डाला कि 'रघुबर दाग़' को 'मोदी डिटर्जेंट' और अमित शाह की लॉन्ड्री भी नहीं धो पाएगी. सरयू राय के अनुसार 'रघुबर दाग' पिछले पांच साल में भाजपा के दामन पर लगा है. जहां पहली बार बहुमत की सरकार थी उस सरकार पर यह दाग़ लगा है और ये दाग़ ऐसा है कि 'मोदी डिटर्जेंट' और 'शाह लॉन्‍ड्री इसे मिटा नहीं सकती. अब जनता ही तय करेगी कि इस दाग़ को कैसे दूर करना है.

इस बयान से राय ने केंद्रीय नेतृत्व को भी अपने निशाने पर रखा है. दरअसल उनका मानना है कि उनका टिकट काटने में जहां अमित शाह ने सक्रिय भूमिका निभायी और उनकी नीतीश कुमार से दोस्ती को भी एक मुद्दा बनाया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने पिछले चुनाव में जमशेदपुर के एक चुनावी सभा में सरयू राय को अपना दोस्त बताया था, उन्होंने इन लोगों के सामने कुछ नहीं किया.

झारखंड चुनाव : बीजेपी में बगावत, मुख्यमंत्री रघुबर दास का मुकाबला सरयू राय से होगा

राय इस बात से ख़फ़ा हैं कि जब भी उन्होंने बिहार या झारखंड में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज उठाई और घोटालों का पर्दाफ़ाश किया तो भाजपा को इसका जबरदस्‍त लाभ मिला लेकिन इसके बावजूद जहां उन्हें टिकट से बेदख़ल किया गया वहीं भ्रष्टाचार के आरोपी भानु प्रताप शाही जैसे व्यक्ति को न केवल में शामिल कराया गया बल्कि उन्हें तुरंत टिकट भी दे दिया गया. ख़ुद रघुवर दास ने शाही के विधानसभा क्षेत्र से ही अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की.

सरयू राय ने हेमंत सोरेन की तारीफ़ कर भाजपा को अपने ख़िलाफ़ कारवाई करने की चुनौती दी

हालांकि दास समर्थक अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं वहीं राय के नामांकन में लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति चिंता का कारण ज़रूर है. उनका मानना है कि दास के खिलाफ पार्टी का एक तबक़ा भीतरघात भी कर सकता है.

VIDEO: टिकट कटने से नाराज बीजेपी के मंत्री सरयू राय ने दिया इस्तीफा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: