एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है और राफेल मामले में खुद का बचाव किया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल को लेकर संशोधन और पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई और इन याचिकाओं की खूब पब्लिसिटी की गई, लेकिन इन याचिकाओं में खुद ही त्रुटियां हैं और पक्षकारों ने एक महीने बाद भी इन्हें सुधारने के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने ठीक करने से इनकार कर दिया. दरअसल, एक वकील ने एक अर्जी की जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया तो चीफ जस्टिस नाराज हुए और राफेल का जिक्र कर ये टिप्पणी की. आपको बता दें कि 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि वो इसमें दखल नहीं देगा और याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि फैसले में कहा गया कि CAG ने मामले की जांच की है और संसद में रिपोर्ट दे दी है, जबकि ऐसा हुअा नहीं था. इस पर याचिकाकर्ता अरूण शौरी, प्रशांत भूषण और यशवंत सिन्हा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.
राफेल पर CAG की रिपोर्ट में नहीं है सबसे बड़े सवाल का जवाब
आपको बता दें कि राफेल डील पर कुछ दिनों पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि एनडीए सरकार के दौरान हुआ राफेल लड़ाकू विमान का सौदा पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा की गई डील की तुलना में सस्ता है. रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए सरकार तहत हुआ राफेल सौदा पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के सौदे की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ता है. सीएजी रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट भी गलत हो, सीएजी भी गलत हो, सिर्फ परिवार ही सही हो. सत्यमेव जयते. सच्चाई की हमेशा जीत होती है.' वहीं बुधवार को कांग्रेस ने संसद के बाहर राफेल डील को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
वीडियो- राफेल पर सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश
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