ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर स्वर्ण मंदिर में भिड़े दो गुट, पांच घायल

अमृतसर:

ऑपरेशन ब्लूस्टार की 31वीं बरसी के मौके पर शनिवार को स्वर्ण मंदिर के अंदर एकत्र लोगों के बीच झड़प में पांच लोग घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, घटना उस समय हुई, जब एसजीपीसी टास्क फोर्स के सदस्यों ने उन 22 सिख युवकों पर लाठियां बरसाईं, जो अकाल तख्त के पास मंदिर परिसर में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।

इस कार्रवाई में पांच प्रदर्शनकारी युवक घायल हो गए। उनमें से दो को सिर में चोटें आईं हैं।

पुलिस उपायुक्त परमपाल सिंह ने कहा कि गड़बड़ी उस समय शुरू हुई, जब 22 युवकों के समूह ने खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। उनके साथ कुछ और सिख युवक भी इसमें शामिल हो गए, जो मंदिर में आए हुए थे।

इस पर एसजीपीसी टास्क फोर्स के सदस्यों ने उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया और नारेबाजी कर रहे युवकों को स्वर्ण मंदिर से बाहर जाने के लिए बाध्य किया गया। पुलिस ने सभी 22 युवकों को एहतियातन हिरासत में ले लिया है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि यह घटना कुछ 'संदिग्ध तत्वों' का कृत्य थी, जिन्होंने अलगाववादी नारे लगाए और तलवारें लहरायीं।

एसजीपीसी ने कहा कि इस घटना से सिख समुदाय की भावना आहत हुई है और आरोप लगाया कि स्वर्ण मंदिर के अंदर अशांति पैदा करने वालों में से कई बिना दाढ़ी के थे और वे सिर्फ वहां की पवित्रता को प्रभावित करने के लिए आए थे।

इसके पहले सुबह में पूर्व सांसद ध्यान सिंह मांड के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के समर्थकों ने अकाल तख्त के पास तलवारें लहराते हुए खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए।

शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान खराब स्वास्थ्य के कारण अकाल तख्त में मौजूद नहीं थे।

उनकी अनुपस्थिति में मांड ने पार्टी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया।

पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर मौजूद थे। इसके अलावा एसजीपीसी टास्क फोर्स के सदस्य भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
 
इसके पहले शनिवार को दिन में, दिवंगत खालिस्तानी अलगावादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के परिवार के सदस्यों को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। एक कट्टरपंथी सिख समूह 'दल खालसा' 1984 में हुए आपरेशन ब्लूस्टार में मारे गए लोगों की याद में यहां बंद का आह्वान किया था।

अमृतसर और राज्य में अन्य स्थानों पर सुरक्षाबलों को चौकस रहने को कहा गया था। पंजाब पुलिस के जवानों ने चार जून को अमृतसर में फ्लैग मार्च किया था।

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स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार शुरू किया गया था।