एनजेएसी में कानून मंत्री की मौजूदगी पर उठे सवाल

नई दिल्‍ली:

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग मामले में याचिकाकर्ता के वकील राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट आयोग में कानून मंत्री की मौजूदगी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्‍ट सरकार भ्रष्‍ट न्यायपालिका चाहेगी और भ्रष्‍ट जजों की नियुक्ति करेगी।

राजनेताओं को जजों की नियुक्ति में शामिल नहीं होना चाहिए। राजनेताओं के हितों का टकराव हमेशा रहता है और ये सिस्टम पूरी न्यायपालिका को दूषित करेगा। इसके साथ ही 5 जजों की संविधान पीठ ने सरकार से पूछा है कि आयोग में 2 प्रतिष्ठित लोगों के चयन का तरीका क्या है।

बुधवार को हुई सुनवाई में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि कानून मंत्री पूरी तरह राजनीतिक पद है और हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति में उनके 6 में से एक वोट की बड़ी अहमियत है। उन्होंने यहां तक कहा कि कानून मंत्री और चीफ जस्टिस एक साथ नहीं रह सकते क्योंकि सरकार ही कोर्ट में ज्यादतर मामलों में शामिल रहती है।

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कानून मंत्री और चीफ जस्टिस अक्सर मिलते हैं और कभी-कभी ड्रिंक भी लेते हैं लेकिन इस तरह की बातें बाहर आने पर जज अयोग्य कहे जाते हैं। इससे लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास हिल जाता है। वर्तमान सिस्टम से चीफ जस्टिस के ना चाहने पर भी किसी जज की नियुक्ति की जा सकती है। संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रखेगी।