यह ख़बर 05 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

'एक नहीं, तीन गोली मारी गई थीं ज़िया उल हक़ को...'

खास बातें

  • डीएसपी ज़िया उल हक़ को एक गोली लगने के एडीजी अरुण कुमार के बयान को उनकी पत्नी परवीन आज़ाद ने गलत बताया है।
लखनऊ:

डीएसपी ज़िया उल हक़ को एक गोली लगने के एडीजी अरुण कुमार के बयान को उनकी पत्नी परवीन आज़ाद ने गलत बताया है।

परवीन के मुताबिक उन्होंने ज़िया उल हक के शरीर पर तीन निशान देखे थे और ज़िया उल हक को दो गोली पैर में और एक गोली सीने में लगी थी जबकि यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अरुण कुमार के मुताबिक ज़िया उल हक़ को सिर्फ एक ही गोली लगी थी।

दूसरी ओर, जिया उल हक के हत्याकांड के मामले में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम आने के बाद उनकी गिरफ्तारी कराने से कतरा रही उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच का आदेश केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को देने के बाद अब इससे अपना पल्ला झाड़ लिया है।

राजा भैया की गिरफ्तारी को लेकर अभी भी सवाल बना हुआ है। राजा भैया के खिलाफ सीओ की पत्नी द्वारा हत्या की साजिश का मुकदमा दर्ज कराने के दो दिन बाद भी अब तक न तो उनकी गिरफ्तारी हुई और न ही उनसे पूछताछ की गई।

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव से जब मंगलवार को दिल्ली में राजा भैया की गिरफ्तारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है अब जो करना है वह सीबीआई करेगी।

उधर, कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि राजा भैया के दो करीबियों को उसी मुकदमे में गिरफ्तार किया तो उन्हें क्यों गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार राजा भैया को बचा रही है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि अगर पंद्रह दिन के अंदर सारे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो कांग्रेस कुंडा से लेकर लखनऊ तक न्याय मार्च निकालेगी।

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उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जिलाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।