रविवार को पंजाब के छह नगर निगमों के लिए मतदान होगा। कई सीटों पर अकाली दल और बीजेपी आमने-सामने हैं, वहीँ कुछ सीटों पर बागी उम्मीदवारों ने पार्टी के लिए परेशानी कड़ी कर दी है। गुटबाज़ी में फंसी कांग्रेस मुकाबले से बाहर है।
बठिंडा, मोहाली, फगवाड़ा, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा के नगर निगमों के लिए 22 फरवरी को मतदान होगा और वोटों की गिनती 26 को होगी। लेकिन दिल्ली की हार से घबराई कांग्रेस को पंजाब में भी ख़राब प्रदर्शन का डर सता रहा है।
गुटबाज़ी के चलते नगर निगमों के चुनाव में रेस से लगभग कांग्रेस बाहर है। मजबूत दावेदार भी बतौर आज़ाद उम्मीदवार लड़ रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे से घिरे प्रदेश अध्यक्ष को केंद्रीय सुरक्षा बलों की देखरेख में चुनाव करवाने की मांग करनी पड़ी। प्रदेश अध्यक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि अगर पंजाब में हिंसा रहित और निष्पक्ष चुनाव करवाने हैं, तो केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती ज़रूरी है, क्योंकि पूरे प्रचार के दौरान पंजाब पुलिस अकाली दल की के पक्ष में खड़ी नज़र आई।
ज़्यादातर सीटों पर कांग्रेस मुकाबले में नहीं है, तो अकाली दल और बीजेपी की राह भी आसान नहीं है। कई सीटों पर आज़ाद उम्मीदार दोनों पार्टियों का सिरदर्द बढ़ा रहे हैं, जिन्हें आम आदमी पार्टी का समर्थन हासिल है। आम आदमी पार्टी खुद यह चुनाव नहीं लड़ रही है।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री बिक्रम मजीठिया ने दावा किया कि कांग्रेस चाहे 'इंटरनेशनल फ़ोर्स' लगवा ले, अकाली दल को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। तरण तारण में अकाली और बीजेपी नेताओं के बीच टकराव के बाद गुरदासपुर में भी सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं में जमकर मार-पीट के बाद दोनों पार्टियों में दूरियां और बढ़ गई हैं। बीजेपी को राज्य की पुलिस पर यकीन नहीं रहा। पंजाब में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर परेशान प्रदेश अध्यक्ष ने बूथों पर दूसरे ज़िलों की फ़ोर्स तैनात करने की मांग करके राज्य सरकार को पसोपेश में डाल दिया है।
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