केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर आंदोलन (Farmers Protest Singhu Border ) कर रहे किसानों की देखभाल के लिए भी तमाम संगठन और सामाजिक समूह आगे आए हैं. लंगर के अलावा किसानों को ठंड से बचाने के लिए माउंटेन टेंट तो लग ही चुके हैं. अब उनके लिए नेत्र जांच शिविर (Eye Camp) भी लगाया गया है. किसानों के लिए कई अन्य संस्थाओं ने भी स्वास्थ्य शिविर लगाए हैं.
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर (Singhu Border ) पर पंजाब के गढ़शंकर से आए नौ डॉक्टरों की एक टीम ने रविवार को चिकित्सा शिविर लगाया. इसमें उन प्रदर्शनकारियों का इलाज किया जाएगा. जिन्हें आंखों से जुड़ी कोई परेशानी है. इस टीम में आंखों के डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट और फिजिशियन शामिल हैं. प्रदर्शन स्थल पर यह उनका चौथा दौरा है. दल में शामिल सभी डॉक्टर गढ़शंकर में अपनी ड्यूटी कर शनिवार शाम सिंघू बॉर्डर के लिए रवाना हुए.
दरअसल, एक महीने से सिंघू बॉर्डर पर किसान कड़ाके की ठंड, धूल और प्रदूषण की वजह से आंखों में खुश्की, पानी आने और अन्य परेशानियों की शिकायत कर रहे हैं. अस्थायी शिविर में आंखों की जांच के उपकरण, एंटीबॉडी और एलर्जी आईड्राप सहित तमाम सामान हैं. दल में शामिल आंखों के डॉक्टर 27 वर्षीय राजदीप सिंह ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल महिलाओं, बुजुर्ग और युवा सहित कई लोग शिविर में आए और खुश्की एवं आंखों में जलन की शिकायत की.
सिंह ने कहा कि हम हर हफ्ते आम चिकित्सा शिविर (Medical Camp) लगाते थे। पिछली बार जब हम आए तो कई लोग आंखों की समस्या के साथ आए. फिर हमने केवल आंखों के लिए जांच शिविर लगाने का फैसला किया.सिंह ने यह बात 50 वर्षीय मेहरुनिशा की जांच करने के दौरान कही. मेहरुनिशा दिल्ली के वजीराबाद की रहने वाली है और सिंघू बॉर्डर पर धरना दे रही हैं.डॉक्टर अमनदीप ने कहा कि हम यहां किसानों की सेवा करने के लिए हैं. ययहां सभी दवाएं मुफ्त में दी जाती हैं.
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