पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह का NEET और JEE परीक्षाएं देरी से कराने का सुझाव, कहा- "गैप ईयर मुश्किल है, लेकिन..."

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Amarinder Singh) कोरोना के चलते NEET की परीक्षा सितंबर में आयोजित किए जाने का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं.

नई दिल्ली:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Amarinder Singh) , जो कि कोरोना के चलते NEET की परीक्षा सितंबर में आयोजित किए जाने का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं, ने कहा कि वे नहीं चाहते कि गैप ईयर हो और परीक्षा को दो-तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया जाए. अमरिंदर सिंह उन सात मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सितंबर में होने वाली JEE और NEET परीक्षा को टाल दिया जाए. 

पंजाब सीएम ने NDTV से कहा, "एक गैप ईयर मुश्किल रहेगा. अगले साल हम दोगुनी परीक्षाएं नहीं ले सकते. हम सिर्फ यही चाहते हैं कि परीक्षा कुछ महीनों के लिए स्थगित हो." प्राथमिकता , लोगों को कोविड से बचाना है. पंजाब सीएम ने कहा, "दूसरी बात है चयन की प्रक्रिया . ऐसा नहीं हो सकता कि पहले चयन की प्रक्रिया हो और उसके बाद लोगों की जान बचाई जाए,.न ही इसका उल्टा किया जा सकता है."

यह भी पढ़ें: JEE और NEET Exams: शिक्षा मंत्री बोले, 'अधिकतर स्‍टूडेंट परीक्षा के पक्ष में, इस पर राजनीति न हो'
पंजाब सीएम ने कहा,"पंजाब में सितंबर में 20 और 24 तारीख के बीच कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं. राज्य में 3,000 मौतें हो चुकी हैं और 1,10,000 मामले हुए हैं. अमरिंदर सिंह ने पूछा, ''हम बच्चों की सेहत की परवाह करते हैं या किसी परीक्षा को कराने की."

अमरिंदर सिंह ने कहा, "छात्रों के बीच आर्थिक विभाजन सबसे ज्यादा चिंताजनक है. साधन की कमी के कारण गरीब छात्र, उस अवसर से वंचित रह जाएंगे जो उनके लिए होना चाहिए.'' "जो लोग संपन्न हैं वे परीक्षा केंद्रों तक पहुंच जाएंगे. लेकिन जो लोग गांवों में हैं, उनके बारे में क्या. वे कैसे परीक्षा केंद्र पहुंचेंगे? पंजाब में सड़कें अच्छी हैं, लेकिन देश के बाकी हिस्सों के बारे में क्या ? गरीब, जिन्हें अवसर मिलना चाहिए था, वे पीड़ित होंगे. इसीलिए इसमें देरी की जानी चाहिए. "

यह भी पढ़ें: NEET-JEE Exam: परीक्षा स्थगित करने की मांग के बीच 14 लाख से ज्यादा छात्रों ने डाउनलोड किए एडमिट कार्ड

सिंह ने कहा कि उनकी सरकार को परीक्षाओं की व्यवस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है, जो 1 सितंबर से शुरू होगी. "केंद्र ने हमारे साथ भी ठीक से बातचीत नहीं की है ताकि हम व्यवस्था कर सकें. हम एक कोविड संकट के बीच में हैं." क्या आप नवंबर, दिसंबर में परीक्षा नहीं करा सकते? केवल सितंबर में ही क्यों? कोरोना के मामले तो कम हो जाने दें. "

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा कि गैर-भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्री बच्चों के माता-पिता की ओर से उच्चतम न्यायालय जाएंगे. "हमारी याचिका में हम कहेंगे कि सभी को समान अधिकार होने चाहिए. और गरीब बच्चों को इसमें समान अधिकार नहीं मिलेंगे."