पुणे:
पुणे में बुधवार को हुए कम तीव्रता वाले सिलसिलेवार विस्फोटों की जांच में उस समय बाधा आई, जब पता लगा कि घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे।
जांच एजेंसियों के सूत्रों ने पहचान उजागर नहीं होने की शर्त पर बताया कि देना बैंक, मैक्डोनाल्ड और बाल गंधर्व चौराहे के पास लगे सीसीटीवी कैमरों से अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है और उनमें से कुछ तो काम भी नहीं कर रहे थे। बुधवार को इन स्थलों के पास ही विस्फोट हुए थे।
सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र एटीएस, नगर अपराध शाखा और एनआईए दो साइकिलों से सुराग हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। विस्फोटों में संभवत: नई साइकिलों का इस्तेमाल किया गया था। जांच अधिकारी यह पता करने का प्रयास कर रहे हैं कि साइकिलें किस दुकान से खरीदी गईं, ताकि षडयंत्रकारियों का पता लगाया जा सके। विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किए जाने की खबरों के बीच फारेंसिक विशेषज्ञ जांच में जुटे हुए हैं।
जांच एजेंसियों के सूत्रों ने पहचान उजागर नहीं होने की शर्त पर बताया कि देना बैंक, मैक्डोनाल्ड और बाल गंधर्व चौराहे के पास लगे सीसीटीवी कैमरों से अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है और उनमें से कुछ तो काम भी नहीं कर रहे थे। बुधवार को इन स्थलों के पास ही विस्फोट हुए थे।
सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र एटीएस, नगर अपराध शाखा और एनआईए दो साइकिलों से सुराग हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। विस्फोटों में संभवत: नई साइकिलों का इस्तेमाल किया गया था। जांच अधिकारी यह पता करने का प्रयास कर रहे हैं कि साइकिलें किस दुकान से खरीदी गईं, ताकि षडयंत्रकारियों का पता लगाया जा सके। विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किए जाने की खबरों के बीच फारेंसिक विशेषज्ञ जांच में जुटे हुए हैं।
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