देश में दूसरे धर्म, जाति या समाज की तुलना में मुसलमानों की प्रगति बहुत कम हुई है. यह कहना है आईपीएस अब्दुर रहमान का. अब्दुर रहमान वर्तमान में राज्य मानवाधिकार आयोग में कार्यरत हैं.
अब्दुर रहमान ने DENIAL AND DEPRIVATION शीर्षक से किताब लिखी है. इसमें भारत में मुसलमानों के वर्तमान हालात का विवरण दिया गया है. किताब में सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट के बाद के हालात का अध्ययन किया गया है.
अब्दुर रहमान के मुताबिक उन्होंने आंकड़ों के जरिए देश में मुसलमानों के हालात को दर्शाने की कोशिश की है. इसमें किसी खास सरकार की प्रशंसा या उस पर उंगली नहीं उठाई गई है. लेकिन इतना साफ है यूपीए -1 और यूपीए -2 में जो योजनाएं थीं उनमें से कई बंद हो चुकी हैं.
उनका कहना है कि पांच साल से जिस तरह से देश के हालात हैं, मॉब लॉन्चिंग, गौ रक्षा के नाम पर हत्या.. ये सब देखकर तो यही लगता है कि देश के मुसलमान बहुत पीड़ा में हैं. सरकार बात करती है सबका साथ सबका विकास की, लेकिन कथनी और करनी में बहुत फर्क है. मुसलमान भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं, लेकिन उनका उतना विकास नहीं हुआ है. मुसलमानों का विकास होगा तो देश का भी विकास होगा.
अब्दुर रहमान की किताब के विमोचन में पूर्व आईपीएस केएल प्रसाद, पूर्व आईपीएस सुराडकर के साथ सुधींद्र कुलकर्णी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं