प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. सूत्रों के अनुसार वह चुनाव लड़ने की बजाय पार्टी के प्रचार में ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भी इसकी जानकारी दे दी है. प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) आगामी चुनाव में पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाते हुए अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी की मदद करना चाहती हैं. बात दें कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi ) ने इसी साल जनवरी में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें महासचिव बनाने के साथ-साथ पूर्वी यूपी का प्रभारी भी बनाया है. अगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को बेहतर परिणाम दिलाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने अपनी कमर कस ली है. मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में उन्होंने अपनी पहली रैली को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार और उनकी नीतियों पर जमकर हमला बोला.
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उन्होंने कहा था कि लोगों को जागरूक होना जरूरी है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश में जो कुछ हो रहा है उससे वह दुखी हैं. मोदी सरकार ने देश में करोड़ों लोगों को नौकरियां देने के अपने वादों को पूरा नहीं किया. लोगों को बांटा जा रहा है, नफरत फैलाई जा रही है और जो सच्चे मुद्दे हैं उनकी बात सरकार नहीं करती. प्रियंका ने कहा था कि मन में सोचा था कि शायद मुझे भाषण देने की जरूरत न पड़े. तो मैं भाषण नहीं देती आपसे दो शब्द कहती हूं जो मेरे दिल में है. पहली बार मैं गुजरात आई हूं और पहली बार साबरमती के उस आश्रम में गई जहां से महात्मा गांधी जी ने आजादी का संघर्ष शुरू किया था. ऐसा लगा कि आसूं आने वाले हैं, क्योंकि मैंने उन देशभक्तों के बारे में सोचा जिन्होंने जीवन संघर्ष किया, अपनी जान तक दी. जिनके बलिदानों पर इस देश की नींव डली है. वहां बैठे हुए यह बात आई कि यह देश प्रेस सद्भावना और आपसी प्यार के आधार पर बना है.
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उन्होंने कहा था कि आज जो कुछ देश में हो रहा है उससे दुख होता है. मैं दिल से कहना चाहती हूं कि इससे बड़ी कोई देशभक्ति नहीं है कि आप जागरूक बनें. आपकी जागरुकता एक हथियार है. यह ऐसा हथियार है, जिससे किसी को दुख नहीं देना है किसी को चोट नहीं पहुंचनी. पर यह आपको मजबूत बनाएगा. उन्होंने कहा था कि आपको सोचना है कि यह चुनाव है औऱ अपना भविष्य चुनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि चुनाव में फिजुल के मुद्दे नहीं उठने चाहिए. जरूरी मुद्दे किसान, नौकरी, महिला सुरक्षा है. ये चुनावी मुद्दा है. आपकी जागरुकता ही आपको इन परेशानी से छुटकारा दिलाएंगे जो आपके सामने बड़ी- बड़ी बाते करते हैं...वादे करते हैं उनसे पूछिए कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का जो वादा किया वह कहां है.
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प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा था कि 15 लाख आपके खाते में आने हैं वह कहां है. जिन महिलाओं की सुरक्षा की बातें करते थे उनके बारे में किसने पूछा. आने वाले दो महीने में आपके सामने कई मुद्दे उठाए जाएंगे, लेकिन यह आपकी जागरुकता है कि आपको किन मुद्दों को मानना है समझना है. यहीं से गांधी जी ने प्रेस, अहिंसा की आवाज उठाई थी. मैं सोचती हूं कि हमारी आवाज भी यहीं से उठनी चाहिए. जो अपनी फितरत की बात करते हैं उनसे पूछिए कि देश की फितरत क्या है. इस देश की फितरत है कि नफरत की हवाओं को प्रेम और करुणा में बदल सतके हैं. ये आवाज आप यहां उठाएंगे. आने वाले दिनों में सही निर्णय लीजिए, सही मुद्दे उठाइये. ये देश आपका है और आपने ही इसे बनाया है. यह देश किसानों का है नौजवानों का है.
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प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी रैली में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था. राहुल गांधी ने गुजरात में पार्टी की संकल्प रैली में कहा था कि सालों बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक गुजरात में हुई. हमनें यहां यह मीटिंग इसलिए की क्योंकि देश में दो विचारधारा की लड़ाई है और दोनों विचारधारा गुजरात में आपको मिलेगी. एक तरफ महात्मा गांधी हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इस देश को बनाने में लगा दी. आज हम उनके आश्रम में थे. यह देश अगर बना है तो महात्मा गांधी और गुजरात ने इस देश को बनाया है और आज दूसरी शक्तियां इस देश को कमजोर करने में लगी है. इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार जज प्रेस के पास जाते हैं और कहते हैं हमें काम करने नहीं दिया जा रहा है. उसके एकदम बाद जज लोहिया जी का नाम लेते हैं. आम तौर से जनता एससी से न्याय मानते हैं. यह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से नहीं हो रहा है. आज यह देश के हर संस्था पर हमला हो रहा है. लोगों को बांटा जा रहा है, नफरत फैलाई जा रही है. जो सच्चे मुद्दे हैं उनकी बात सरकार नहीं करती.
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