कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने उत्तर प्रदेश में शराब माफिया के बढ़ते वर्चस्व पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक ट्वीट करके राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चिंता जताई है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक पूरे प्रदेश में मौत का तांडव करें. उत्तर प्रदेश सरकार चुप. पत्रकार सच्चाई उजागर करे, प्रशासन को खतरे के प्रति आगाह करे. सरकार सोई है.क्या जंगलराज को पालने-पोषने वाली उप्र सरकार के पास पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव जी के परिजनों के आंसुओं का कोई जवाब है?'
शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक, पूरे प्रदेश में मौत का तांडव करें।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 14, 2021
उप्र सरकार चुप।
पत्रकार सच्चाई उजागर करे, प्रशासन को खतरे के प्रति आगाह करे।
सरकार सोई है।
क्या जंगलराज को पालने-पोषने वाली उप्र सरकार के पास पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव जी के परिजनों के आंसुओं का कोई जवाब है?
अपने इस ट्वीट के जरिये प्रियंका ने आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है.गौरतलब है कि पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की प्रतापगढ़ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, उन्होंने दो दिन पहले ही अपनी एक पत्र लिखकर शराब माफिया के हाथों अपनी हत्या की आशंका जताई थी.
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गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर (second wave of corona pandemic) में पैदा हालात को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के लिए भारतीय नागरिक नहीं, बल्कि राजनीति प्राथमिकता है तथा उन्हें सिर्फ अपने प्रचार की चिंता रहती है. सरकार से सवाल करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन' (Zimmedaar Kaun) के तहत प्रियंका ने एक बयान में यह दावा भी किया कि पूरी दुनिया ने देख लिया कि प्रधानमंत्री मोदी शासन करने में सक्षम नहीं हैं. प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए ये आरोप लगाए थे.प्रियंका ने अपने फेसबुक पोस्ट की शुरुआत कवि निराला द्वारा लिखी उपन्यास 'कुल्ली भाट' की कुछ पंक्तियों से की. जिनमें उन्होंने सौ साल पहले स्पैनिश फ्लू महामारी के दौरान सामने आये गंभीर दृश्यों का वर्णन किया था. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने समय रहते विशेषज्ञों की चेतावनियों पर ध्यान दिया होता या स्वास्थ्य संबंधी संसदीय समिति की सिफारिशों पर कदम उठाया होता हो देश में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों के जीवन को तवज्जो नहीं देते हुए जीवन रक्षक दवाओं की करोड़ों खुराक निर्यात कर दी गई.
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