भुवनेश्वर:
देश में गुरुवार को स्वदेश निर्मित व परमाणु-क्षमता सम्पन्न बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का ओडिशा की एक परीक्षण रेंज से सफल परीक्षण किया गया।
यहां से 230 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आटीआर) के परिसर नंबर 3 से यह परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की 350 किलोमीटर दूरी तक की मारक क्षमता है।
आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने कहा, परीक्षण सफल रहा। भारतीय सशस्त्र बलों ने यह परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक परीक्षण पर नजर रखे हुए थे। पृथ्वी देश की पहली स्वदेश निर्मित बैलिस्टिक मिसाइल है।
यह देश के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित की गई पांच मिसाइलों में से एक है।
यह मध्यम-दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है, जो 483 सेकंड्स में अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है। यह 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक मार कर सकती है और 500 किलोग्राम भार का मुखास्त्र वहन कर सकती है। परीक्षण अभ्यास के तहत इस मिसाइल का पहले भी कई बार सफल परीक्षण हो चुका है।
यहां से 230 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आटीआर) के परिसर नंबर 3 से यह परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की 350 किलोमीटर दूरी तक की मारक क्षमता है।
आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने कहा, परीक्षण सफल रहा। भारतीय सशस्त्र बलों ने यह परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक परीक्षण पर नजर रखे हुए थे। पृथ्वी देश की पहली स्वदेश निर्मित बैलिस्टिक मिसाइल है।
यह देश के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित की गई पांच मिसाइलों में से एक है।
यह मध्यम-दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है, जो 483 सेकंड्स में अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है। यह 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक मार कर सकती है और 500 किलोग्राम भार का मुखास्त्र वहन कर सकती है। परीक्षण अभ्यास के तहत इस मिसाइल का पहले भी कई बार सफल परीक्षण हो चुका है।
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